देखा जा रहा है कि इस नियम से बच्चों के अरमानों पर पानी फिर गया और उन्हें बारात में जाने को नहीं मिलेगा. लेकिन दूसरी ओर इस फैसले की खूब सराहना हो रही है. खास बात यह है कि लॉटरी से बारातियों का चयन करने के कारण शादी वाले परिवार के अनेक लोग भी मन मसोस कर रह गए और बारात में नहीं जा पाए.

लक्की ड्रॉ में कई लोग यकीन रखते हैं और कुछ नहीं भी रखते हैं. लेकिन ये बात जानकर आपको हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश में शादी के समय भी लकी ड्रा निकालते हैं. जी हाँ, यहां पर शादी के समय कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिलता है. आज हम ऐसी ही एक अनूठी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं. साथ ही बता दें, ये परंपरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में शुरू हुई है. जानते हैं आगे क्या हुआ है इसमें.
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तो इस परंपरा के साथ ये नियम बना दिया गया है कि अधिकतम पांच लोग ही बारात में जा सकते हैं. ऐसे में किसी को नाराज करने से बचने के लिए अनोखा तरीका अपनाया जाता है. बारात में जाने के इच्छुक सब लोगों के नाम की पर्ची डालकर उनमें से पांच का चयन कर लिया जाता है. वही पांच लोग बारात में जा पाते हैं. जानकारी दे दें, मुजफ्फरनगर जिले में चरथावल में यह अनूठी परम्परा शुरू हुई है. इसके पीछे भी पूरी कहानी है. शादी में बढ़ते खर्च को देखते हुए यहां के आसपास के कई दर्जन गांवों के प्रमुखों ने पंचायत की. उसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि शादी में अब सिर्फ पांच लोग ही बारात में जाएंगे, जिससे वधू पक्ष पर अनावश्यक बोझ न पड़े.
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