PM मोदी के मित्र ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के समोसे और आम की चटनी ने ट्विटर पर मचाया धमाल

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन भारत और भारत के पीएम से अपनी दोस्ती का सार्वजनिक इजहार करने का कोई मौका नहीं चूकते. कभी वो पीएम नरेंद्र मोदी को अच्छा बताते हुए उनके साथ अपनी सेल्फी पोस्ट करते हैं तो कभी भारत को ऑस्ट्रेलिया का प्राकृतिक साझेदार बताते हैं.

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चार जून को होने वाली अपनी शिखर वार्ता से पहले ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन ने रविवार सुबह समोसों और आम की चटनी के साथ तस्वीर ट्वीट कर रहा कि खेद है इस बार हमारी बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है.

जापान के ओसाका में हुई बीते साल हुई जी-20 की बैठक में ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ अपनी सेल्फी ट्वीट कर कहा था कितने अच्छे हैं मोदी.

वहीं अगस्त 2019 में फ्रांस के बियारिट्ज में हुई शिखर बैठक में भी दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी से मुलाकात हुई थी. मॉरिसन और मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता जनवरी 2020 के तीसरे हफ्ते में भारत आना था.

लेकिन ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग के कारण उनकी यात्रा टल गई. वहीं बाद में कोरोना संकट के कारण इस द्विपक्षीय वार्ता को आगे बढ़ाने और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करने का फैसला किया गया.

4 जून को प्रधानमंत्री मोदी के साथ होने वाली इसी वार्ता से पहले मॉरिसन ने किचन में समोसों और चटनी की प्लेट हाथ में लिए अपनी तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की.

साथ ही खास अंदाज में अपने और मोदी के नाम के तीन अक्षरों को लेते हुए उन्होंने लिखा स्कोमो-साज. मॉरिसन ने बताया कि उन्होंने समोसों को और चटनी को पूरी तरह घर में तैयार किया है.

साथ ही इस बात पर अपना खेद भी जताया कि पीएम मोदी के साथ उनकी बातचीत वर्चुअल तरीके से और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं की द्विपक्षीय वार्ता दुनिया में उभरते नए रणनीतिक समीकरणों के लिहाज से भी खासी अहम होने वाली है. महत्वपूर्ण है कि ऑस्ट्रेलिया की स्कॉट मॉरिसन सरकार ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन के कोरोना प्रबंधन की स्वतंत्र निष्पक्ष जांच की भी मांग मॉरिसन मुखर तौर पर उठा चुके हैं.

ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मोदी और मॉरिसन की वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच अपनी आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने के नए रोडमैप पर काम शुरु हो सकता है.

इसके अलाव एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दखलंदाजी को रोकने के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया भारत और जापान की चौकड़ी किस तरह आगे बढ़ सकती है इसपर भी चर्चा संभव है.

दोनों देश अपने द्विपक्षीय कारोबार की भी बढ़ाने में लगे हैं. ऑस्ट्रेलिया में भारत पांचवां बड़ा कारोबारी सहयोगी है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया- भारत और ऑस्ट्रेलिया-चीन के बीच द्विपक्षीय कारोबार के आंकड़ों में भी बड़ा अंतर है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय कारोबार जहां करीब 30 अरब डॉलर का है वहीं ऑस्ट्रेलिया और चीन का आपसी व्यापार 200 अरब डॉलर का है.

ऐसे में अगर कोरोना वायरस को लेकर चीन से नाराज ऑस्ट्रेलिया सरकार उसके साथ अपने कारोबार में कुछ कटौती करती है तो यह भारत के लिए एक बड़ा मौका बन सकता है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com