सुप्रीम कोर्ट का बड़ा सवाल? उचित कारण हो तो पुराने नोट वापस क्यों नहीं जमा करा सकते...

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा सवाल? उचित कारण हो तो पुराने नोट वापस क्यों नहीं जमा करा सकते…

अगर आप नोटबंदी के बाद चलन से बाहर किये गए नोटों को जमा नहीं करा पाए हैं तो आपको एक और मौका मिल सकता है। लेकिन इसके लिए आपके पास उचित कारण होना जरूरी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और आरबीआई से पूछा है कि जो लोग नोटबंदी के दौरान दिए वक्त में 500 और 1000  के पुराने नोट जमा नहीं करा पाए, उनके लिए कोई विंडो क्यों नहीं हो सकती?सुप्रीम कोर्ट का बड़ा सवाल? उचित कारण हो तो पुराने नोट वापस क्यों नहीं जमा करा सकते...शादी रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने के लिए बिल ला सकती है मोदी सरकार

कोर्ट ने वैध कारणों के चलते अमान्य नोटें जमा नहीं करा सके लोगों को मौका उपलब्ध कराने पर विचार के लिए केंद्र सरकार को दो सप्ताह का समय दिया।

कोर्ट ने कहा कि जो लोग उचित कारणों के चलते रुपये बैंक में जमा नहीं करा पाए, उनकी संपत्ति सरकार इस तरह नहीं छीन सकती है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों के पास पुराने नोट जमा कराने का सही कारण है, उन्हें मौका दिया जाना चाहिए। 

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Demonetisation case: SC asked GoI & RBI, whether a window can be provided to people who couldn’t deposit their old Rs 500 & Rs 1000 notes

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Demonetisation case: Central govt told division bench of Supreme Court that it would file an affidavit in the case. Next hearing on July 18.

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वहीं केंद्र सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की डिविजन बेंच से कहा है कि वो एफिडेविट फाइल करेगा। मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी। 

प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार को इस मुद्दे पर निर्देश लेने को कहा।  पीठ ने कहा कि ऐसी स्थिति हो सकती है कि किसी व्यक्ति का धन खो गया हो। मान लीजिए कि कोई व्यक्ति उस समय जेल में हो, हम यह जानना चाहते हैं कि आपने ऐसे व्यक्तियों पर रोक लगाने का फैसला क्यों किया।

इसके बाद सॉलिसिटर जनरल ने मामला-दर-मामला आधार पर लोगों को उनका धन जमा कराने का अवसर देने के संबंध में निर्देशों के लिए समय मांगा। पीठ सुधा मिश्रा की याचिका समेत कई याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। सुधा ने अपनी याचिका में कहा है कि वह केंद्र एवं आरबीआई के बताए समय में चलन से बाहर हुए अपने नोट जमा नहीं करा पाईं इसलिए उन्हें ये नोट जमा कराने की अनुमति देने का प्राधिकारियों को आदेश दिया जाए।

बात दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को घोषणा की थी कि नौ नवंबर से 500 एवं 1000 रुपए के नोट चलन से बाहर हो जाएंगे।
सरकार ने लोगों को यह भी भरोसा दिलाया था कि चलन से बाहर किए गए नोटों को 30 दिसंबर 2016 तक बैंकों, डाकघरों एवं आरबीआई शाखाओं में बदला जा सकता है। यदि लोग इस अवधि में इन नोटों को जमा नहीं करा पाते हैं तो वे निश्चित औपचारिकताएं पूरी कर आरबीआई शाखाओं में 31 मार्च 2017 तक ये नोट जमा करा सकते हैं।

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