गरियाबंद में पीएचई विभाग की अनदेखी और सरपंच की लापरवाही का खामियाजा झरलाबहाल के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. ग्रामीण पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं.
एक बाल्टी पानी के लिए महिलाओं को घंटों लाइन लगाना पड़ रहा है, जबकि गांव में 16 हैंडपंप हैं, सौर उर्जा यंत्र स्वीकृत हो चुका है, लेकिन पीएचई विभाग की अनदेखी के कारण 16 में से 14 बोर बंद पड़े हैं. महज 2 बोर के भरोसे ग्रामीण जिंदा हैं.
इन दोनों बोरो से भी कुछ देर पानी निकलने के बाद हवा निकलना शुरू हो जाता है. शौर उर्जा यंत्र का सामान एक साल से पंचायत भवन में पडा है, मगर खेल विभाग ने आज तक उस यंत्र को फिट नहीं किया है. कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने एक बोर पर मोटर फिट किया था, दो दिन पहले बिजली विभाग के अधिकारी अवैध कनेक्शन होने की बात कहकर उसे जब्त कर ले गये.
गांव की महिला सरपंच पानी की किल्लत को दूर करने के लिए खुद को बेबस बता रही है, गुस्साए ग्रामीणों ने बीती शाम सरपंच के घर पहुंचकर जमकर हंगामा किया, साथ ही वहां से गुजर रहे तहसीलदार का रास्ता रोककर उसे भी खुब खरीखोटी सुनाई.
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