अभी-अभी: वैज्ञानिकों ने दी बड़ी चेतावनी, दिखे महाविनाश के संकेत अब पूरी दुनिया हो जायेगी तबाही...

अभी-अभी: वैज्ञानिकों ने दी बड़ी चेतावनी, दिखे महाप्रलय के संकेत अब पूरी दुनिया हो जायेगी तबाही…

New Delhi: धरती पर महाप्रलय की भविष्यवाणी की गई थी। ठीक वैसी ही भविष्यवाणी एक बार फिर से की गई है। बता दें कि इस बार जो धरती के विनाश की भविष्यवाणी हुई है उसमें करीब 30 फीसदी प्रजातियां खत्म हो जाएंगी।अभी-अभी: वैज्ञानिकों ने दी बड़ी चेतावनी, दिखे महाविनाश के संकेत अब पूरी दुनिया हो जायेगी तबाही...अभी अभी: मुकेश अंबानी के घर में लगी भीषण आग, पूरे देश में मचा हड़कंप

सभी धर्मों के धार्मिक ग्रंथों में महाप्रलय या महाविनाश की परिकल्पना की गई है। विशेषकर हिंदू प्राचीन धर्म ग्रंथों में महाप्रलय बारे में विशेष उल्लेख से पता चलता है, इससे पहले भी महाविनाश हुए हैं जिसका अब वैज्ञानिक भी समर्थन कर रहे हैं।केंद्र सरकार ने बनाया प्लान, आतंकियों को खोजकर चुनचुनकर मारने के आदेश

वैज्ञानिकों के मुताबिक, लगभग साढ़े 4 अरब साल पुरानी इस धरती पर अब तक ऐसा 5 बार हुआ है जब सबसे ज्यादा फैली हुई प्रजातियां नष्ट हो गई हों। अब वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि उन्हें छठवें महाप्रलय के संकेत दिखने लगे हैं। पांचवीं बार के महाविनाश में डायनॉसोर तक का सफाया हो गया था और अब यह धरती छठे महाविनाश के दौर में प्रवेश कर चुकी है।रिपोर्ट के मुताबिक, जमीन पर रहने वाले सभी रीढ़धारी जंतु- स्तनधारी, पक्षी, रेंगनेवाले और उभयचर की प्रजातियों का 30 प्रतिशत हिस्सा विलुप्त हो चुका है। दुनिया के अधिकांश हिस्सों में स्तनधारी जानवर भौगोलिक क्षेत्र छिनने की वजह से अपनी जनसंख्या का 70 प्रतिशत हिस्सा खो चुके हैं।चीता की संख्या घटकर सिर्फ 7 हजार रह गई है तो अफ्रीकी शेरों की संख्या भी साल 1993 से लेकर अब तक 43 प्रतिशत घट गई है। वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक बीते 100 सालों में 200 से ज्यादा प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। यह सिर्फ अकैडमिक रिचर्स के लिए मेक्सिको सिटी की यूनिवर्सिटी में रिसर्चर गेरार्दो सेबायोश का कहना है कि यह शोध फिलहाल अकैडमिक रिसर्च पेपर के लिए लिखा गया है। अभी इसपर कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।हजारों प्रजातियों की घट रही संख्या नेशनल अकैडमी ऑफ साइंसेज के एक नए शोध में यह खुलासा हुआ है कि धरती पर चिड़िया से लेकर जिराफ तक हजारों जानवरों की प्रजातियों की संख्या कम होती जा रही है। वैज्ञानिकों ने जानवरों की घटती संख्या को ‘वैश्विक महामारी’ करार दिया है और इसे छठे महाविनाश का हिस्सा बताया है। बीते 5 महाविनाश प्राकृतिक घटना माने जाते रहे हैं लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक इस महाविनाश की वजह बड़ी संख्या में जानवरों के भौगोलिक क्षेत्र छिन जाने को बताया है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com