वर्ल्ड बैंक ने बताया क्यों रह जाते है भारतीय कमाई के मामले में पीछे

भारत में लोगों की कम कमाई की वजह स्कूली शिक्षा है। जी हां, वर्ल्ड बैंक का ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में चाल साल की उम्र में स्कूली शिक्षा की शुरुआत करने वाला बच्चा 18 साल की उम्र तक सिर्फ 10.2 साल की स्कूली शिक्षा लेता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल की स्कूल की शिक्षा लेने पर कमाई में 8 फीसद का इजाफा होता है।

औसत भारतीय 14 साल की जरूरी स्कूली शिक्षा की जगह केवल 10.2 साल की शिक्षा लेते हैं इसलिए वो अपनी क्षमता से 30.4 फीसद कम कमा पाते हैं। इस इंडेक्स में 0 से 1 के स्केल पर भारत का स्कोर 0.44 है, जो दक्षिण एशिया के औसत स्कोर से कम है। इंडेक्स के मुताबिक, स्कूली शिक्षा प्राप्त करने की अवधि के मामले में भारत 115वें स्थान पर है। जबकि हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश 106वें, नेपाल 102वें और श्रीलंका 74वें स्थान पर है। इस इंडेक्स में सिंगापुर पहले स्थान पर है।

पड़ोसी देशों से पीछे भारत

रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश के बच्चे 11 वर्ष, नेपाल के बच्चे 11 वर्ष 7 महीने जबकि श्रीलंका के बच्चे 13 वर्ष तक स्कूली शिक्षा प्राप्त करते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो भारत में बच्चे इन देशों के मुकाबले कम सालों तक स्कूली शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं।

यह वर्ल्ड बैंक की पहली ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स रिपोर्ट है। इसमें बच्चों के जीवित रहने की संभावना, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे पैमानों पर 157 देशों का आकलन किया गया है। हालांकि, भारत सरकार ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह इंडेक्स भारत में मानव पूंजी के विकास के लिए उठाए गए कदमों के बारे में नहीं बताता है। 

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