रेमडेसिविर पर गुजरात हाईकोर्ट ने रुपाणी सरकार को कड़ी फटकार लगाई

गुजरात हाईकोर्ट ने सूबे में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने गुजरात की विजय रुपाणी सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि सूबे के लोग समझ रहे हैं कि वो भगवान भरोसे हैं. गुजरात सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से कोरोना की रोकथाम के लिए उठाए गए कदम की जानकारी मुहैया कराई जिसपर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. कोर्ट ने कहा कि हर रोज 27,000 रेमडेसिविर के इंजेक्शन आते हैं तो कहां जाते हैं?

गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस भार्गव डी कारिया की बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार से सवाल पूछे कि  लाइफ सेविंग ड्रग्स रेमडेसिवीर इंजेक्शन एक ही जगह पर क्यों मिल रहे हैं. लोगों को घर बैठे-बैठे क्यों नहीं मिल सकते हैं. साथ ही अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की अगर सही व्यवस्था गुजरात सरकार मुहैया करवा रही है तो अस्पतालों के बाहर 40 एंबुलेंस की लाइन क्यों लगती हैं?  गुजरात सरकार के वकील ने जब दूसरे राज्यों से तुलना करनी शुरू की तो चीफ जस्टिस विक्रमनाथ ने साफ शब्दों में कह दिया कि दूसरे राज्यों से तुलना ना करें. हम सिर्फ गुजरात की ही बात करेंगे, हम इतने आधुनिक और विकसित हैं फिर भी ऐसे हालात हैं.

आरटीपीसीआर टेस्ट को लेकर भी चीफ जस्टिस ने गुजरात सरकार को फटकार लगाई. गुजरात सरकार से कोर्ट ने कहा कि आरटीपीसीआर टेस्ट के नतीजे आने में 4 से 6 दिन क्यों लग रहे हैं. जब कि वीआईपी लोगों की रिपोर्ट शाम तक मिल जाती है. पहले भी रिपोर्ट 7 से 8 घंटे में लोगों को मिलती थी तो अब क्यों नहीं. वहीं प्राइवेट अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन क्यों मुहैया नहीं करवाया जा रहा है. इसे लेकर भी सवाल पूछे गये. हाईकोर्ट ने कहा कि झायडस अस्पताल के बाहर लंबी लाइनें लगती हैं तो क्या किसी एक ही एजेंसी के पास पूरा कंट्रोल है?

हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार को ये भी कहा कि अभी लोगों को लग रहा है कि वो भगवान भरोसे हैं. सरकार कुछ तो ऐसा करे जिससे लोगों को एहसास हो कि सरकार कुछ कर रही है. हाईकोर्ट ने ये भी कहा, चुनाव में बूथ वाइज वोटर्स के डिटेल और सोसायटी की लिस्ट होती है तो उसी बूथ वाइज आयोजन को यहां क्यों काम पर नहीं लगाया जा रहा है. दिवाली के बाद केस एकदम कम हो गए थे. फरवरी आते-आते सरकार भूल गई कि कोरोना है. कोर्ट ने गुजरात सरकार से कई सवाल मसलों पर जवाब मांगे हैं. इस मामले की अगली सुनवाई अब 15 अप्रैल को होगी.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com