राफेल की तैनाती की घोषणा से पाकिस्‍तानी और द. एशिया में भारत का दबदबा बढ़ेगा…

राफेल विमान Rafale fighter aircraft के आने से भारतीय वायुसेना की ताकत में निश्चित रूप से ऐतिहासिक इजाफा हुआ है। इससे भारत का न केवल दक्षिण एशिया में दबदबा बढ़ेगा, बल्कि चीन को भी घेरने में मदद मिलेगी।

भारत में राफेल की तैनाती सामरिक जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। भारत ने उन बिंदुओं पर राफेल को तैनात करने की योजना बनाई है, जहां से वह पाकिस्‍तान और चीन पर त्‍वरित कार्रवाई कर सके। 

सामरिक जरूरतों को करेगा 

राफेल को भारत की सामरिक जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। खासकर चीन और पाकिस्‍तान की रक्षा प्रणाली के मद्देनजर इसे तैयार किया गया है। भारत का चीन और पाकिस्‍तान के साथ सीमा पर हरदम तनाव रहता है। देश चीन के साथ एक युद्ध झेल चुका है। वहीं पाकिस्‍तान के साथ दो युद्ध हो चुके हैं।
पाकिस्‍तान के साथ लगातार तनावपूर्ण संबंध रहा है। यही कारण है कि फ्रांस ने राफेल दिया है उसका टेल नंबर RB001 है। बताया जा रहा है कि जो 36 विमान भारत को मिलने हैं, उनमें से 18 अंबाला एयरबेस और 18 अरुणाचल प्रदेश के आसपास तैनात होंगे। यानी भारत पाकिस्तान और चीन से मिलने वाली चुनौती के लिए हर तरह से तैयार है। भारत को मिलने वाले राफेल से 18 अंबाला एयरबेस और 18 अरुणाचल प्रदेश के आसपास तैनात होंगे। यानी भारत पाकिस्तान और चीन से मिलने वाली चुनौती के लिए हर तरह से तैयार है। 
एक साथ बरसाएगा 25 राउंड गोलियां

राफेल विमान 45 जेनरेशन का लड़ाकू विमान है जो भारतीय वायुसेना में एक तरह से जेनरेशन का बदलाव होगा। यह विमान 24500 किलोग्राम भार को ले जाने में सक्षम है। यह शत्रुओं पर एक साथ 125 राउंड गोलियां एक साथ बरसा सकता है। ये गोलियां दुश्‍मन के होश उड़ा देगा। इस विमान में दो तरह की मिसाइल लगाई गई है। यह दुश्‍मन के हर दांव की काट रखता है।  

चीन से तुलना नहीं, US से प्रतिस्पर्धा कर रहा चीन

चीन का विमान जे-20 पांचवी पीढ़ी का विमान है। इसे चीन में ही विकसित किया गया है। जी-20 के सफलतापूर्वक विकसित होने के बाद इसे चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स में बड़ी संख्या में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा चीन की वायुसेना में पहले से ही 600 से अधिक 4 व 4.5 जेनरेशन के विमान हैं।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार हमारे पास खुद की रक्षा करने की क्षमता है,  जहां तक ​​वायु शक्ति का संबंध है भारत और चीन के बीच अंतर बहुत अधिक है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अपने जे-20 के साथ, चीन अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है, जो लॉकहीड मार्टिन के बनाए F-22 और F-35 सहित पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट होने का दावा करता है।

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