ये है बड़ा कारण भारतीय गोल्ड की कीमत सितंबर तिमाही में कम रह सकती है

भारत की सोने की मांग सितंबर तिमाही में नरम रहने की उम्मीद है, क्योंकि उपभोक्ता की खरीद में रिकॉर्ड गिरावट आई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने गुरुवार को ये बातें कही। खपत में गिरावट का असर वैश्विक कीमतों पर आ सकता है जो 2019 में लगभग 10 फीसद बढ़ी है, लेकिन इससे दक्षिण एशियाई देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे रुपये को मजबूती मिलेगी।

डब्ल्यूजीसी के भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक, सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि ग्रामीण संकट, उच्च कीमतें और भारत के आयात कर में बढ़ोतरी सितंबर तिमाही के दौरान गोल्ड की मांग में कमी कर सकती है। भारत में सोने की दो-तिहाई मांग ग्रामीण क्षेत्रों से आती है, जहां आभूषण धन का पारंपरिक भंडार है। लेकिन इस साल के मानसून में अब तक औसत से कम बारिश हुई है, जिससे देश के कई हिस्सों में बुवाई में देरी हुई है। भारतीय सोना वायदा जुलाई में 35,409 रुपये (511.54 डॉलर) प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। स्थानीय कीमतें 2019 में अब तक 10 फीसद बढ़ी हैं।

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