भगवान भैरव आराधना से शनिदेव हो जाते हैं शांत

हनुमानजी के बाद यदि शनि ग्रह के बुरे प्रभाव से कोई बचा सकता है तो वह है भगवान भैरव। लाल किताब की विद्या वैदिक या परंपरागत प्रचलित ज्योतिष विद्या से अलग है। इसमें शनि, राहु या केतु ग्रहों के उपाय अन्य ज्योतिष विद्या से थोड़े भिन्न हैं। सभी ग्रहों के देवी और देवता भी थोड़े बहुत अलग हैं। जैसे कि शनिदेव को शनि ग्रह का स्वामी या देवता माना जाता है परंतु लाल किताब में इसके अलावा भैरव महाराज को भी शनि ग्रह का देवता माना जाता है।

1. भैरव की आराधना से ही शनि का प्रकोप शांत हो जाता है।

2. आराधना का दिन रविवार और मंगलवार नियुक्त है।

3. लाल किताब की विद्या के अनुसार शनि के प्रकोप से बचने के लिए भैरव महराज को कच्चा दूध या शराब चढ़ाने का कहा जाता है।

4. जन्मकुंडली में अगर आप मंगल ग्रह के दोषों से परेशान हैं तो भैरव की पूजा करके पत्रिका के दोषों का निवारण आसानी से कर सकते हैं।

5. राहु केतु के उपायों के लिए भी इनका पूजन करना अच्छा माना जाता है।

6. भौरव महाराज की सवारी कुत्ते को प्रतिदिन रोटी खिलाने से भी शनिदेव शांत रहते हैं। पुराणों के अनुसार भाद्रपद माह को भैरव पूजा के लिए अति उत्तम माना गया है। उक्त माह के रविवार को बड़ा रविवार मानते हुए व्रत रखते हैं। आराधना से पूर्व जान लें कि कुत्ते को कभी दुत्कारे नहीं बल्कि उसे भरपेट भोजन कराएं। जुआ, सट्टा, शराब, ब्याजखोरी, अनैतिक कृत्य आदि आदतों से दूर रहें। दांत और आंत साफ रखें। पवित्र होकर ही सात्विक आराधना करें। अपवि‍त्रता वर्जित है। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com