भगवान कृष्ण ने क्यों रचाईं थी 16108 शादियां जानिए इसके पीछे का राज

चारों तरफ जन्माष्टमी के त्यौहार की रौनक लगी हुई है। साल 2019 में भी जन्माष्टमी की तारीख को लेकर हमेशा की तरफ संशय बना हुआ है। कुछ लोग 23 अगस्त को तो कुछ लोग 24 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाने की बात कह रहे हैं। भगवान कृष्ण ने अपने जन्म के समय से लेकर अपने पूरे जीवन काल में कई लीलाएं की। जिसका हर कोई मुरीद हो जाता था। कृष्ण भगवान की 16 हजार 108 पत्नियां बताईं जाती हैं और इतना ही नहीं उन पत्नियों से 1 लाख 61 हजार पुत्र भी बताए जाते हैं। जबकि कुछ जानकारों के अनुसार श्री कृष्ण की केवल 8 ही पत्नियां थी। क्या है भगवान कृष्ण की इतनी पत्नियां होने के पीछे की कहानी

ये तो सब जानते हैं कि श्री कृष्ण राधा से प्रेम करते थे पर इनका कभी विवाह नहीं हुआ। लेकिन राधा-कृष्ण का प्यार अमर था जिस कारण आज भी कृष्ण भगवान से पहले राधा का नाम लिया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण की सिर्फ 8 पत्नियां थी जिनके नाम रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था। लेकिन एक कहानी ये भी प्रचलित है जिसके अनुसार कृष्ण 16108 पत्नियों के स्वामी थे।

पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि एक दानव था भूमासुर। जिसने अमर होने के लिए 16 हजार कन्याओं की बलि देने का निश्चय कर लिया था। श्री कृष्ण ने इन कन्याओं को कारावास से मुक्त कराया और उन्हें उनके घर वापस भेज दिया। लेकिन चरित्र के नाम पर उनके परिवारवालों ने उन्हें अपनाने से मना कर दिया। तब श्री कृष्ण ने 16 हजार रूपों में प्रकट होकर एक साथ उन कन्याओं से विवाह रचाया। इस तरह से कन्हैया कि 16 हजार शादियां एक साथ हुईं लेकिन इसके अलावा श्री कृष्ण ने कुछ प्रेम विवाह भी किए।

महाभारत के अनुसार श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर उनके साथ विवाह रचाया था। श्री कृष्ण का एक विवाह कालिंदी से भी हुआ था। जिसे लेकर कहानी है कि एक दिन अर्जुन को साथ लेकर भगवान कृष्ण वन विहार कर रहे थे। उसी दौरान वहां पर सूर्य पुत्री कालिन्दी, श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने की कामना से तप कर रही थीं। कालिन्दी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रीकृष्ण ने उसके साथ विवाह कर लिया

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