बड़ी खबर: योगी राज में माफिया पर शिकंजा कसा, करोड़ो की सम्पत्ति हुई जब्त

यूपी में योगी सरकार में माफिया पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। बागपत में पुलिस-प्रशासन ने तिहाड़ जेल में बंद और पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के आरोपी सुनील राठी के टीकरी कस्बा स्थित तीन मकान और एक फॉर्च्यूनर कार को कुर्क कर लिया है। वहीं मुजफ्फरनगर में इमलाख खान की करीब 15 बीघा जमीन व एक स्कूटी को कुर्क किया था।

एसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि कुर्क संपत्ति की कीमत एक करोड़ 20 लाख रुपये है। डीएम ने अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति को कुर्क करने के आदेश जारी किए थे। टीकरी में एक साल पहले बनवाया गया 230.40 वर्ग मीटर का तीन मंजिला मकान, जिसकी अनुमानित कीमत 71.84 लाख रुपये है।

नौ साल पुराना एक मंजिला मकान, जिसका क्षेत्रफल 136.20 वर्ग मीटर है। इसकी अनुमानित लागत 11.50 लाख रुपये है। 154.90 वर्ग मीटर में निर्मित एक मंजिला मकान, जिसकी अनुमानित लागत 8.95 लाख रुपये है। 27 लाख रुपये कीमत की फॉर्च्यूनर कार, जिसका नंबर यूपी 17 आर 4747 को भी कुर्क किया गया है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के आरोपी सुनील राठी पर 48 मुकदमे दर्ज हैं।

सुनील राठी 19 साल से जेल में बंद है। इन 19 सालों में पुलिस की जांच केवल अवैध संपत्तियों तक ही पहुंची है। पुलिस-प्रशासन को दूसरी जगह उसकी अवैध संपत्ति नहीं मिली है। सुनील राठी के पिता स्वर्गीय नरेश राठी नगर पंचायत टीकरी के चेयरमैन रहे थे। उनकी हत्या के बाद सुनील राठी ने जरायम की दुनिया में कदम रखा था। रुड़की जेल से रंगदारी मांगने के कई मामले सामने आए। प्रॉपर्टी को कब्जाने के मामले में राठी का नाम उछला और जांच चलती रही। दो साल पहले रुड़की के डॉ. एनडी अरोड़ा से रंगदारी मांगने में भी सुनील राठी और उसकी मां राजबाला का नाम आया था।

बागपत के भाजपा विधायक योगेश धामा ने सीएम योगी आदित्यनाथ से अवैध खनन को लेकर शिकायत की थी। जांच शुरू हुई तो अवैध खनन पकड़ा गया। 19 मार्च को पेशी पर आए सुनील राठी ने बदरखा के खनन पट्टे को रिश्तेदार का बताया था। बाद में इस पट्टे को निलंबित कर दिया। खनन पट्टे के विवाद में देशपाल बदरखा की हत्या हुई। परमवीर तुगाना की भी हत्या हुई। दोनों में राठी का नाम प्रकाश में आया।

मुजफ्फरनगर में कोचिंग सेंटर की आड़ में इमलाख खान ने फर्जी डिग्रियां बांटने का धंधा शुरू कर दिया और अकूत संपत्ति बनाई। उसके खिलाफ धोखाधड़ी के तीन मामले वर्ष 2008 व 2013 में दर्ज हुए। इसके बावजूद पुलिस उसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई से बचती रही। वहीं वर्ष 2017 में गोकशी की सूचना पर पहुंची पुलिस पर हमला करने के बाद पुलिस ने उस पर शिकंजा कसना शुरू किया। इस कार्रवाई के लिए शहर कोतवाली पुलिस को अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने 50 हजार रुपये और एसएसपी अभिषेक यादव ने 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।

इससे पहले भी शहर कोतवाली पुलिस ने ही इमलाख खान की गांव बामनहेड़ी में स्थित करीब 15 बीघा जमीन व एक स्कूटी को करीब तीन माह पूर्व कुर्क किया था। गोकशी की सूचना पर 24 अगस्त 2017 को पुलिस गांव शेरपुर में दबिश देने गई थी। पुलिस के अनुसार इमलाख खान की अगुवाई में भीड़ ने पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की थी, साथ ही पुलिस की चीता बाइक भी फूंक डाली और डायल-112 की गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए।

इसके बाद वर्ष 2018 में इमलाख खान के खिलाफ शहर कोतवाली में ही धमकी देकर रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज हुआ, जिसके बाद 15 अप्रैल 2019 को उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि इमलाख जनपद का टॉप-10 अपराधी है, जिसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत संपत्ति कुर्क की अब तक की सूबे की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है।

 

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