नोटबंदी के बाद अगर आपने बैंक अकाउंट में 15 लाख रुपये से ज्यादा जमा कराए थे तो यह खबर आपके बड़े काम की हो सकती है। देखिए वरना पछताएंगे।
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नोटबंदी के बाद नार्थ वेस्ट रीजन में बैंक खातों में 15 लाख रुपये से अधिक रुपये जमा कराने वाले करीब 15 हजार लोगों को आयकर विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजा है। इससे विभाग ने करीब 16 हजार लोगों नोटिस भेज जवाब मांगे हैं। इनमें चंडीगढ़ में भी करीब 800 के आसपास ऐसे लोग हैं जिन्होंने नोटबंदी के बाद 15 लाख रुपये से अधिक पैसा बैंक खातों में जमा किया था।
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वहीं, अगले फेज में आयकर विभाग पांच से 15 लाख रुपये तक जमा कराने वाले ऐसे लोगों को नोटिस भेज जवाब मांगेगा, जिनकी आईटीआर उनके खातों से मेल नहीं खाती है। प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त केसी जैन ने बताया कि नार्थ वेस्ट रीजन पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू और कश्मीर समेत चंडीगढ़ में 16 हजार लोगों को फिर से नोटिस भेजे गए हैं।
विभाग ने इनमें से कई लोगों को समन भेज कार्यालय में आकर जांच अधिकारी के समक्ष रिकार्ड पेश करने को कहा गया है। इनमें पंजाब के केस सबसे अधिक हैं। हालांकि प्रधान आयकर आयुक्त ने फिलहाल ऐसे लोगों की संख्या और उनकी पहचान बताने से इंकार किया है। वहीं उनके अनुसार जिन लोगों को समन जारी किए गए हैं, उनकी संबंधित सर्कल के अधिकारी व्यक्तिगत तौर पर जांच कर रहे हैं।
प्रधान आयकर आयुक्त के मुताबिक, कई लोगों के जवाब से विभाग संतुष्ट नहीं है। इसलिए उनसे फिर से जवाब और दस्तावेज मांगे गए हैं। अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो विभाग उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि नोटिस मिलने के बाद कई लोगों ने जवाब दाखिल किए है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लोग केवल 31 मार्च तक ही अघोषित संपति की घोषण कर सकते हैं।
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केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में जारी की गई देशभर के 40 टैक्स डिफाल्टरों की सूची में नार्थ वेस्ट रीजन से तीन लोगों के नाम हैं। इनमें लुधियाना निवासी बरिंदर पाल सिंह, उसका भाई जितेंदर पाल सिंह और उनकी कंपनी ‘गैरिसन एग्जिम प्राइवेट लिमिटेड’ शामिल हैं। इस कंपनी में दोनों भाई और उनके पिता बलराज सिंह डायरेक्टर हैं। करोड़ों की टैक्स देनदारी के बाद से दोनों भाई गायब हैं।
विभाग की ओर से नार्थ वेस्ट रीजन में अब तक दो सौ से अधिक सर्वे किए गए हैं। इनमें पंजाब में सबसे अधिक और उसके बाद हरियाणा और चंडीगढ़ में किए गए हैं। वहीं हिमाचल और जम्मू का नंबर इनके बाद आता है। ट्राइसिटी में अब तक कई ज्वैलर्स, बिल्डर्स, कांट्रेक्टर, शराब कारोबारियों, केमिस्ट, डायग्नोस्टिक सेंटर, प्राइवेट अस्पतालों, कुछ स्कूलों के अलावा अन्य के यहां सर्वे किए गए हैं।
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