बारिश के बाद गलन ने भी दी उत्‍तर भारत में दस्‍तक, जानिए कैसा रहेगा आने वाले सप्‍ताह में मौसम का हाल

अनुमान के मुताबिक ही जम्मू-कश्मीर से आए कोल्ड फ्रंट के कारण गुरुवार की रात आठ बजे के बाद से ही वाराणसी समेत पूर्वांचल के विभिन्न हिस्सों में हल्की एवं तेज बारिश हुई। इसकी वजह से गलन भरी ठंड और बढ़ गई। इससे पहले पूरे दिन आसमान में बादलों की आवाजाही रही, जिससे भगवान सूर्य का दर्शन ज्यादा देर तक नहीं हो सका। लोग दुकानों, मकानों एवं कार्यालयों में ही दुबके रहे। मौसम विज्ञानिकों के अनुसार शुक्रवार को भी तेज बारिश हो सकती है। हालांकि शुक्रवार की सुबह आसमान बादलों से ढंका रहा और कोहरा नदारद दिखा। सुबह ठंडी हवाओं के साथ ही गलन भी जारी रहा और लोग अलाव सेंकते भी नजर आए।

रात भर गरज चमक के साथ शुरू हुई बरसात शुक्रवार की सुबह भी जारी रही। इस दौरान देर रात चांदपुर में देर रात एक घर में आकाशीय बिजली गिरने से घरेलू उपकरण फुंक गए और घर की पूरी वायरिंग जल गई। वहीं घर में गिजली गिरने के बाद परिवार के लोग सहम गए और सभी लोग घर छोड़कर भाग खड़े हुए। वहीं कई अन्‍य पूर्वांचल के इलाकों में भी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से नुकसान ही सूचना है। शुक्रवार सुबह दस बजे तक लगभग आठ मिमी बारिश वाराणसी में दर्ज की गई है।

बुधवार से ही पछुआ के बाद भी बादल एवं धूप की लुकाछिपी शुरू हो गई। जम्मू-कश्मीर से यहां पहुंचे कोल्ड फ्रंट के कारण जहां तापमान में गिरावट हुई। वहीं ठंड एवं नमी भी बढ़ गई और इसका असर गुरुवार को काफी बढ़ गया। इससे जनजीवन लगभग ठहर ही गया। लोग जहां थे वहीं ठंड से बचने के लिए उपाय तलाशते नजर आए। वहीं मौसम विभाग ने भी अगले 24 से 48 घंटों तक बारिश और बादलों के सक्रियता की संभावना जताई है। हालांकि बारिश के बाद 15 दिसंबर से कोहरे का दौर भी शुरू होगा।

ठंड के स्‍तर में होगा इजाफा

नमी और तेज हवा के कारण ऊपर जाते ही बादल के रूप में बदल गई और देर शाम विभिन्न इलाकों में बूंदाबांदी शुरू हो गई। मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि इस सीजन में पहली बार अधिक मजबूती के साथ यहां कोल्ड फ्रंट आया है। इसके कारण बरसात शुरू हुई है। उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर को भी बारिश की संभावना बनी हुई है। इसके बाद मौसम में कुछ सुधार होगा, हालांकि इसके बाद ठंड में और इजाफा होगा साथ ही कोहरा और गलन की वजह से लोगों की दुश्‍वारी भी बढ़ेगी।

कुछ ऐसा रहा आंकड़ों में मौसम

बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 23.5 डिग्री दर्ज किया गया जाे सामान्‍य से दो डिग्री कम था, वहीं न्‍यूनतम तापमान 12.6 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्‍य रहा। आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 93 और न्‍यूनतम 73 फीसद दर्ज किया गया। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों में पूर्वी और उत्‍तर भारत के साथ नेपाल की तराई वाले इलाकों में सघन बादलों का डेरा बना हुआ है। बादलों का यह डेरा जम्‍मू कश्‍मीर से लेकर बिहार तक फैला हुअा है। इस लिहाज से अगले चौबीस घंटों तक बादलों की सक्रियता के पूरे आसार बने हुए हैं।

वायु गुणवत्‍ता में सुधार

वायु गुणवत्‍ता सूचकांक (एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स) में हालांकि मौसम के बदलाव का असर दिखेगा। वातावरण में नमी और बारिश की वजह से धूल और वायु प्रदूषक कणों की मौजूदगी कम हो जाएगी। ऐसे में बारिश का होना वायु की गुणवत्‍ता के लिए लाभदायक है। ऐसे में सर्दियों में सांस की बीमारी झेलने वालों के लिए बारिश काफी लाभदायक है। अब मौसम में बदलाव के साथ ही वायु गुणवत्‍ता सूचकांक अगले कुछ दिनों तक ठीक रहने की उम्‍मीद है। हालांकि इसके बाद ठंड में उड़ती धूल की स्थिति होने पर कोहरे के साथ यह हवा लोगों की सेहत भी खराब करेगी।

बरसात ने किसानों को मुसीबत में डाला

गुरुवार की रात से ही बूंदाबांदी शुरु है जो शुक्रवार की सुबह तेज हो गई। बहुत से किसानों का धान अभी खलिहान में ही पड़ा हुआ है और भींग रहा है। एेसे में वह निश्चित तौर पर खराब हो जाएगा। धान के बोझ सड़ जाएगा। वहीं बोया गया अगेेती गेहूं ज्यादा बारिश होने से पीला पड़ा जाएगा और ज्यादा बारिश हुई तो वह भी सड़ जाएगा। पछेती गेहूं की बोआई  और ज्यादा पिछड़ने की संभावना बढ़ रही है। गेहूं के साथ चना, सरसों और आलू की बोआई कर रहे किसान भी परेशान हो उठे हैं। किसानों के लिए आगामी दो दिन बड़ी आफत की रहेगी। इस मौसम में बारिश का पानी आलू और सरसों दोनों ही फसल के लिए नुकसानदायक है। नेवादा के किसान श्यामनारायन सिंह ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान सरसों की खेती के लिए है, क्योंकि फसल पर फूल लग चुके हैं, ऐसे में बारिश इस फूल को नुकसान पहुंचाएगी। वहीं आलू की फसल के लिए भी यह बेमौसम बारिश नुकसानदायक है।

बारिश में बिजली ने दिए कई झटके

ठंड में एक दिन बारिश क्या हुई बिजली रानी को भी झटके पर झटके लग गए। गुरुवार की रात को तेज हवा एवं बरसात होने के बाद शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक कई जगह तार टूट गए तो कई उपकेंद्र ब्रेक डाउन हो गए। इसके कारण कई इलाकों में अंधेरा छा गया।  33 केवी उपकेंद्र अर्दली बाजार के 11 केवी फीडर वरुणा पुल में करीब पौने दस बजे बिजली गुल हो गई। इसके बाद कई क्षेत्रों की आपूर्ति भी बाधित हुई। इससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। वहीं बिजली कर्मचारी रात को ही बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए चक्रमण करते रहे। अधिक देर तक बिजली गायब रहने के बाद लोगों ने उपकेंद्र पहुंच कर शिकायत की। इसके अलावा उपभोक्ताओं ने अधिकारियों को भी फोन कर इसकी सूचना दी।

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