नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित बाबरी विंध्वंस कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट अपना आखिरी फैसला 22 मार्च को सुनाएगा। सोमवार को हुई सुनवाई में जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन की खंडपीठ ने सीबीआई व हाजी महबूब अहमद की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह तारीख तय की है। इस याचिका के जरिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।
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गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में आरोपी रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी सहित अन्य को दोषमुक्त पाया था। इसी फैसले के खिलाफ सीबीआई व हाजी महबूब अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अगर सुप्रीम कोर्ट फैसला बदलती है तो इन सभी नेताओं के खिलाफ पुराना मामला फिर से खोला जा सकता है।
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