बहुत प्रेरणादायक है इन अम्मा की कहानी

आज के समय में कई ऐसी खबरें आती हैं जो हैरान कर जाती हैं।वहीं कई ऐसी कहानियां भी सामने आती है जो दिल को छू जाती हैं। ऐसी ही एक कहानी है दिल्ली की रहने वाली प्रतिमा देवी की। जी दरअसल प्रतिमा देवी पहले कूड़ा उठाती थीं और उस समय उनके आसपास कई कुत्ते रहते थे। अब करीब करीब 300 कुत्तों को उन्होंने साउथ दिल्ली के पीवीआर अनुपम के पास अपने शेल्टर में रहने की जगह दे दी है। इस समय उनकी ये सच्ची और प्रेरणादायक कहानी तेजी से चर्चाओं में आ गई है। जी दरअसल हम बात कर रहें हैं 67 साल की अम्मा की। इन अम्मा को लोग डोनेशन देते थे लेकिन जैसे जैसे कोरोना आया वैसे वैसे हालत खराब होती गई।

धीरे धीरे डोनेशन मिलना बंद हो गया और ज्यादा से ज्यादा लोग अपने कुत्ते भी यहां छोड़कर जाने लगे। यहाँ के स्थानीय लोग 67 साल की महिला को अम्मा के नाम से जानते हैं और 67 साल की अम्मा के पास कोरोना काल में वो लोग भी नहीं आए जो पहले इन कुत्तों के खाने-पीने और बाकी खर्चे के लिए उनकी सहायता करते थे। हालांकि कुछ लोग डिजीटल पेमेंट करते रहे। उनका कहना है, ‘कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती गई। लोग यहां तक कि अपने पालतू कुत्तों भी यहां शेल्टर में छोड़कर चले गए। हालांकि इनका ध्यान रखने में मुझे कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि ये सब मेरे बच्चों की तरह से हैं।’

जी दरअसल साल 1980 में प्रतिमा जी दिल्ली आईं थी और वह पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम से दिल्ली आईं। वहीं साल 1984 से वो कुत्तों का ध्यान रख रही हैं। जी दरअसल साल 2003 में उनकी झोपड़ी को आग लग गई थी और उसके बाद साल 2017 में नगरनिगम ने उनके शेल्टर को गिरा दिया था। इन सभी समस्याओं के बाद भी उन्होंने इन डॉग्स का ध्यान रखना नहीं छोड़ा। वह आज भी इनका ध्यान रखती हैं। उनका कहना है रोज का खाना खिलाने में उनके 3000 रुपये खर्च तो होते ही होते हैं। वह 5 किलो कुत्तों का खाना लाती हैं, 10 किलो चावल, 15 से 17 किलो मीट। वाकई में यह कहानी बेहतरीन है।

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