प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, जिम्‍मेदार ठहराना जरूरी, आतंकियों के मददगारों को…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किर्गिस्‍तान के बिश्‍केक में आयोजित दो दिवसीय एससीओ सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा वक्‍त में आतंकियों की मदद करने वालों को जिम्‍मेदार ठहराया जाना जरूरी हो गया है। आतंकवाद से निपटने के लिए दुनिया की मानवतावादी ताकतों को एकजुट होना होगा। प्रधानमंत्री ने श्रीलंका में हुए आतंकी हमले का भी हवाला दिया। 

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के मसले पर बिना नाम लिए पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया। उन्‍होंने कहा कि आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन, धन मुहैया करने वाले देशों को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। भारत आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सहयोग का आह्वान कर रहा है। आज मानवतावादी ताकतों को आतंक के खिलाफ अपनी संकीर्ण दायरे से बाहर आने की जरूरत है।प्रधानमंत्री ने श्रीलंका में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद हर कहीं मासूमों की जान ले रहा है। आतंकवाद का सफाया करने के लिए एससीओ के सदस्‍य देशों को सहयोग की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करना चाहिए। आतंकवाद को पालने वाले देशों के बारे में दोबारा से विचार करने की जरूरत है। आतंकवाद पूरी दुनिया में एक बड़ी समस्‍या बन चुका है। 

बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सोरोनबे जीनबेकोव  से मुलाकात की। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने ट्वीट के जरिए बताया कि राष्ट्रपति सोरोनबे जीनबेकोव ने एससीओ सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्‍वागत किया। जीनबेकोव एससीओ सम्‍मेलन 2019 की अध्‍यक्षता भी कर रहे हैं। किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक नरेंद्र मोदी के लिए प्रधानमंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल में पहला अहम सम्मेलन है, जिसमें कई देश शामिल हो रहे हैं। 1996 में गठित एससीओ में पहले पांच देश शामिल थे, अब आठ हो गए हैं। एससीओ की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने चीन और रूस के शासनाध्यक्षों के साथ बैठक की।  

चूंकि लंबे अर्से से सार्क यानी दक्षेस की बैठक नहीं हो पा रही है इसलिए भारत के लिए एससीओ एक बड़ा मंच है, जिसमें वह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठा रहा है। चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात में पीएम मोदी ने पाकिस्‍तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी चिनफिंग से कहा कि पाकिस्‍तान आतंकवाद के मुद्दे पर खास सुधार करता नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसे में उससे बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं दिखाई दे रही है। वहीं चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे के लिए खतरा पैदा नहीं करना चाहिए और आपसी मतभेदों को स्वीकार कर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए भरोसा कायम करने वाले उपायों को मजबूत करने का भी आह्वान किया। 

अमेरिका के तेल प्रतिबंधों पर हो सकती है बातचीत-  अमेरिका ने ईरान और वेनेज़ुएला पर आर्थिक प्रतिबंध लगाया हुआ है। ये दोनों देश विश्व में तेल के तीसरे और चौथे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं। भारत में इन दोनों देशों से होने वाली तेल की आपूर्ति सबसे अहम है। अमेरिका के आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से भारत में आयात बंद है। तो इस शिखर वार्ता में इस बात पर विचार किया जा सकता है कि अमेरिका के प्रतिबंधों के मुद्दे को किस तरह से सुलझाया जाए और ईरान और वेनेज़ुएला से तेल की आपूर्ति कैसे फिर से शुरू की जाए। चूंकि चीन भी इस तरह के प्रतिबंधों का सामना कर रहा है इसलिए वह भारत का साथ दे सकता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com