परिधान और चमड़ा क्षेत्रों के लिए श्रम एवं कर नीति में सुधार की जरूरत

नई दिल्ली : परिधान और चमड़ा क्षेत्रों के लिए श्रम एवं कर नीति में सुधार लाने की जरूरत है क्योंकि ये देश में व्यापक सामाजिक बदलाव के लिए वाहक बन सकते हैं. इन क्षेत्रों में रोजगार सृजन, विशेषकर कमजोर तबकों और महिलाओं के लिए रोजगार सृजन की जबरदस्त संभावनाएं हैं.

फ्लॉप ओपनिंग के सवाल पर भड़के विराट, पत्रकारों को सुना दी खरी – खरी

परिधान और चमड़ा क्षेत्रों के लिए श्रम एवं कर नीति में सुधार की जरूरत

कांग्रेस का घोषणा-पत्र तैयार, UP में 20 लाख जॉब और आरक्षण का किया वादा

समीक्षा में यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता करने की जरूरत पर बल दिया गया है और कहा गया है कि एफटीए, जीएसटी से कर व्यवस्था को तर्कसंगत बनाने एवं श्रम कानूनों में सुधार से कपड़ा और फुटवियर क्षेत्रों में रोजगार सृजन की संभावना उज्जवल है.समीक्षा में भारत को निर्यात में प्रतिस्पर्धी लाभ की स्थिति में पहुंचने में बाधा खड़ी होने का जिक्र किया है.इसलिए घरेलू नीतियों को ‘तर्कसंगत’ बनाने की जरूरत है.

समीक्षा में बताया गया है कि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के साथ एफटीए से मदद मिलेगी. परिधानों के मामले में यह प्रतिद्वंद्वियों- बांग्लादेश, वियतनाम और इथियोपिया से मुकाबले में भारत को मौजूदा नुकसान की भरपाई होगी. ज्यादातर भारतीय राज्यों में कम मजदूरी के चलते भारत, चीन की कमजोर होती प्रतिस्पर्धी क्षमता का लाभ उठाने की बेहतर स्थिति में है.दूसरी ओर लॉजिस्टिक्स, श्रम नियमन, कर एव शुल्क नीति और अंतरराष्ट्रीय व्यापार वातावरण से उपजी स्थितियों को लेकर भारतीय कंपनियां संघर्ष कर रही हैं. जीएसटी के पेश होने से घरेलू अप्रत्यक्ष करों को तर्कसंगत बनाने का एक बेहतरीन अवसर मिलेगा.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com