निर्भया दोषी के लिए फांसी का फंदा आया और करीब पवन की याचिका खारिज

निर्भया केस में दोषी पवन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने घटना के वक्त नाबालिग होने की उसकी याचिका सोमवार को खारिज कर दिया. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि याचिका और दलीलों में कुछ भी नया नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि घटना के वक्त पवन बालिग था.

इससे पहले याचिका पर सुनवाई के दौरान पवन के वकील एपी सिंह ने अपने मुवक्किल को नाबालिग बताते हुए कोर्ट में अंबेडकरनगर जिले के टांडा स्थित गायत्री बाल संस्कारशाला से स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार घटना के वक्त पवन की उम्र 17 साल 1 महीने 27 दिन थी. इस सर्टिफिकेट को साल 2017 में कनविक्शन के बाद हासिल किया गया. कोर्ट ने इस बाबत सवाल किए तो दोषी के वकील ने दलील दी कि मुकदमे के दौरान जब जरूरत पड़ी तब इसे स्कूल से मंगवाया गया.

पवन के वकील ने पुलिस पर बड़ी साजिश के तहत पवन की उम्र संबंधी सच्चाई छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह दस्तावेज उसकी उम्र की तस्दीक करते हैं. दोषी पवन ने यह भी कहा कि वह तिहाड़ जेल में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भी शामिल होता था. उसने जेल प्रशासन के उस दावे को गलत बताया, जिसमें यह कहा गया था कि पवन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेता था.

कोर्ट ने पूछा- रिव्यू की याचिका में क्यों नहीं बताया

सुप्रीम कोर्ट ने पवन के वकील से पूछा कि जब रिव्यू पर सुनवाई हो रही थी, तब उस याचिका में यह सब क्यों नहीं बताया. आप हर बार एक दस्तावेज लेकर हाजिर नहीं हो सकते. कोर्ट ने कहा कि इन दस्तावेजों में कुछ भी नया नहीं है. ये दलीलें और दस्तावेज मजिस्ट्रेट कोर्ट, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू तक में खारिज हो चुके हैं. निचली अदालत ने 10 जनवरी 2013 को ही यह दावा खारिज कर दिया था कि घटना के वक्त पवन नाबालिग था.

एपी सिंह ने कहा- तब पवन के पास वकील नहीं था

कोर्ट की टिप्पणी के बाद वकील एपी सिंह ने दलील दी कि उस समय पवन के पास कोई वकील नहीं था. उन्होंने कहा कि उस समय मीडिया और भावनात्मक प्रेशर था. इस पर कोर्ट ने उन्हें टोकते हुए इधर-उधर की बात न करने और एक ही प्वाइंट पर बहस करने को कहा. सिंह ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने तब बड़ी जल्दी दिखाई. हमारी पूरी बात सुने बगैर उसी दिन याचिका खारिज कर दी थी.

सिंह  ने कई अन्य पुराने फैसलों की भी मिसाल रखी. वहीं दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस की. कोर्ट के इस आदेश के साथ ही अब निर्भया के दोषियों की फांसी का रास्ता साफ हो गया है. 1 फरवरी को सुबह 6 बजे चारो दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के लिए एक कोर्ट ने पहले ही डेथ वारंट जारी कर दिया था.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com