निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद समाजसेवी अन्ना हजारे ने आज अपना मौन व्रत तोड़ दिया

निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चारों दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपना मौन व्रत तोड़ दिया है. पिछले 90 दिनों से अन्न हजारे मौन व्रत पर थे. दोषियों अक्षय कुमार, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश कुमार को आज ही तिहाड़ जेल में फांसी दी गई है.

फांसी की खबर पाकर समाजसेवी अन्ना हजारे ने आज सुबह संत यादव बाबा का दर्शन किया और अपना व्रत तोड़ा. 1992 में अन्ना हजारे ने 44 दिन का मौन व्रत किया था, लेकिन इस बार वह 90 दिन तक मौन व्रत रखे रहे और लोगों से लिखकर बात करते थे.

अन्ना हजार ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि आगे ऐसी घटनाएं न हो और आरोपियों के मन में डर बैठे, इसलिए सख्त कानून बनाया जाए. इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कहा था कि पुलिस, कोर्ट, राज्य सरकार, केंद्रीय सरकार-सभी यह मिलकर प्रण लें कि हम सिस्टम की खामियों को दूर करेंगे और किसी भी बेटी के साथ ऐसा नहीं होने देंगे.

वहीं, निर्भया के दादा लालजी सिंह ने कहा कि सात साल बाद हमारे लिए एक नई सुबह की शुरुआत हुई है. उन्होंने कहा कि पूरा गांव हमारे परिवार के साथ खड़ा रहा. हम दुखी थे, दोषियों की फांसी की सजा बार-बार टल रही थी, ऐसे में ग्रामीणों ने इस साल होली नहीं मनाई. अब हम साथ में होली मनाएंगे.

निर्भया के दादा ने मामले के चारों दोषियों को कोरोनावायरस के समान ही ‘जानलेवा’ करार दिया. उन्होंने कहा कि अदालत का यह निर्णय देश की सभी महिलाओं को समर्पित है और मुझे उम्मीद है कि आगे से इस प्रकार के जघन्य अपराध नहीं होंगे.

अक्षय, पवन, विनय और मुकेश दुष्कर्म में शामिल उन छह लोगों में से थे, जिन्होंने साल 2012 में 16 दिसंबर की सर्द रात में राष्ट्रीय राजधानी में एक चलती बस में 23 वर्षीय छात्रा (निर्भया) के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. बाद में दोषी, छात्रा और उसके मित्र को सड़क किनारे छोड़कर चले गए थे. छात्रा ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.

मामले के एक दोषी राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी और दूसरे दोषी नाबालिग को बाल सुधार गृह में भेजा गया था. वहीं अन्य चार को आज शुक्रवार को फांसी दे दी गई.

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