नवरात्रि के पाचंवे दिन इस आरती और मंत्र से करें माँ स्कंदमाता को प्रसन्न

नवरात्रि का पर्व इन दिनों बहुत आकर्षक तरीके से मनाया जा रहा है। यह पर्व इस बार घरों में सेलिब्रेट हो रहा है और कल यानी 21 अक्टूबर को नवरात्रि का पांचवा दिन है। कहा जाता है नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंदमाता को समर्पित है। जी दरअसल इस दिन को नवरात्रि की पंचमी कहा जा सकता है क्योंकि इस दिन आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं स्कंदमाता की आरती, स्त्रोत और ध्यान मंत्र।

स्कंदमाता की स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

स्कंदमाता की प्रार्थना

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

स्कंदमाता बीज मंत्र

ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।

मंत्र –1। महाबले महोत्साहे। महाभय विनाशिनी।

त्राहिमाम स्कन्दमाते। शत्रुनाम भयवर्धिनि।।

2। ओम देवी स्कन्दमातायै नमः॥

स्कंदमाता की आरती-

जय तेरी हो स्कंदमाता।

पांचवां नाम तुम्हारा आता।सब के मन की जानन हारी।

जग जननी सब की महतारी।

तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं।

हर दम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।

कई नामों से तुझे पुकारा।

मुझे एक है तेरा सहारा।

कहीं पहाड़ों पर है डेरा।

कई शहरो में तेरा बसेरा।

हर मंदिर में तेरे नजारे।

गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।

भक्ति अपनी मुझे दिला दो।

शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।

इंद्र आदि देवता मिल सारे।

करे पुकार तुम्हारे द्वारे।

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।

तुम ही खंडा हाथ उठाएं

दास को सदा बचाने आईं

‘चमन’ की आस पुराने आई।

जय तेरी हो स्कंदमाता।

पांचवां नाम तुम्हारा आता।

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