धर्म अनुसार आपकी थाली से अन्न का एक भी दाना बर्बाद नही होना चाहिए: आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य की नीतियों में हर समस्या का समाधान मिलता है और जीवन की हर चुनौती में चाणक्य नीति सर्वश्रेष्ठ साबित होती है। कुछ ऐसी ही बातों के पालन का मार्ग दिखाकर जीवन में शान्ति की स्थापना का सूत्र पिरोते चाणक्य के ये अनमोल वचन । आइए जानते है कि क्या है चाणक्य के ये अनमोल वचन।

चाणक्य के अनुसार आपकी थाली से अन्न का एक भी दाना बर्बाद नही होना चाहिए यदि ऐसा होता है तो आपके घर कभी भी सुख समृद्धि का वास नही होता है।

जिस घर में धन गलत कार्यों में प्रयोग किया जाता है, उस घर में हमेशा कलह की संभावना बनी रहती है। जिस कारण वहां कभी खुशनुमा माहौल नही रहता है और माता लक्ष्मी भी रूष्ठ हो जाती है।

पति-पत्नी के मधुर रिश्ते में यदि कपट का स्थान है और वो एक दूसरे से बातें छुपाते है तो वो रिश्ता नही चल पाता है और ऐसे में घर में कभी भी सुख समृद्धि नही आती है।

चाणक्य कहते है कि यदि कोई ज्ञानी व्यक्ति गरीब भी है और कोई मूर्ख अमीर है फिर भी हमें ज्ञानी व्यक्ति की ही बात का अनुसरण करना चाहिए और बात माननी चाहिए।

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