तीन तलाक को लेकर SC के फैसले का सीएम योगी ने किया स्वागत, और कहा...

तीन तलाक को लेकर SC के फैसले का सीएम योगी ने किया स्वागत, और कहा…

तीन तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज एतिहासिक फैसला सुनाते हुए इसे खत्म कर दिया है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है. आदित्यनाथ ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा है कि ये आधी आबादी को न्याय मिलने की शुरूआत है.तीन तलाक को लेकर SC के फैसले का सीएम योगी ने किया स्वागत, और कहा...

योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”सर्वोच्च न्यायालय ने तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करके स्वागत योग्य कार्य किया है. सर्व सम्मति से ये होता तो और भी अच्छा होता. बहुमत के आधार पर असंवैधानिक घोषित किया है. ये आधी आबादी को न्याय मिलने की शुरूआत है. शीघ्र ही इस मामले में आगे की कार्यवाही शुरू होगी. हम बहुत दिनों तक आधी आबादी को न्याय से वंचित नहीं रख सकते थे. महिला सशक्तिकरण की दिशा में की गई बेहतर शुरूआत है.”

आपको बता दें तीन तलाक पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इस पर 6 महीने के भीतर कानून बनाने को कहा है. इस पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”सरकार इस पर तय करेगी. सरकार ने पहले ही अपना स्टैंड कोर्ट में रख दिया है. इसमें कोई कन्फ्यूजन की स्थिति नहीं है. हम लोगों को लगता है कि ये एक अच्छी शुरूआत है और इस पर परिणाम भी अच्छे आएंगे.”

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज तीन तलाक को ‘असंवैधानिक’ व ‘मनमाना’ करार देते हुए कहा कि यह ‘इस्लाम का हिस्सा नहीं’ है. पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने दो के मुकाबले तीन मतों से दिए अपने फैसले में कहा कि तीन तलाक को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त नहीं है.

न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने कहा कि तीन तलाक इस्लाम का मौलिक रूप से हिस्सा नहीं है, यह कानूनी रूप से प्रतिबंधित और इसे शरियत से भी मंजूरी नहीं है. वहीं, प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर ने कहा कि तीन तलाक इस्लामिक रीति-रिवाजों का अभिन्न हिस्सा है और इसे संवैधानिक संरक्षण प्राप्त है.

न्यायमूर्ति खेहर ने अपने फैसले में संसद से इस मामले में कानून बनाने की अपील की. उन्होंने अगले छह माह के लिए तीन तलाक पर रोक लगा दी. साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों से अपील की कि वे अपने मतभेदों को भूलकर इससे संबंधित कानून बनाएं.

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