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 इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्टेशन (आईएनएसटीसी) भारत और रूस के राजननियक संबंधों को और मजबूत करेगा। आईएनएसटीसी को 13 अप्रैल 2017 को भारत-रूस संबंधों के 70वीं वर्षगांठ का प्रतीक भी माना जा रहा है।
इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्टेशन (आईएनएसटीसी) भारत और रूस के राजननियक संबंधों को और मजबूत करेगा। आईएनएसटीसी को 13 अप्रैल 2017 को भारत-रूस संबंधों के 70वीं वर्षगांठ का प्रतीक भी माना जा रहा है।
इक्नोमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक आईएनएसटीसी भारत और यूरेशिया के बीच व्यापार और परिवहन के लिए खर्च और लागत को काफी कम करने में कारगर साबित होगा। साथ ही एक बार पूरी तरह शुरू होने के बाद ये भारत, रूस और यूरोप के बाजारों के बीच आर्थिक गतिविधियों में बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा।
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दरअसल, आईएनएसटीसी 7200 किलोमीटर लंबा ऐसा ट्रांसपोर्टेशन कॉरिडोर है, जो जमीन और समुद्र से होकर गुजरता है। इसमें रेल, रोड और समुद्र तीनों तरह के रूट शामिल हैं। इसके पूरी तरह से सक्रिय होने के बाद भारत, ईरान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बाजारों में अपने सामान पहुंचा सकेगा।
पिछले साल अक्टूबर में ईरान रेलवे, अजरबैजान और रूस की ओर से आईएनएससीटी को लेकर टेस्ट किया गया था। ट्रेन को 22 सितंबर के दिन मुंबई से रवाना किया गया, जो कि 12 अक्टूबर को रूस पहुंची। इसमें कुल 23 दिन लगे, जबकि आमतौर पर इस दूरी को तय करने में परंपरागत रास्ते से 40 दिन लगते है।
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