टिड्डियों के दल पर कसेगा शिकंजा अब ब्रिटेन के माइक्रोन समूह से 60 स्प्रेयर के आयात को मंजूरी दी मोदी सरकार ने

पाकिस्तान से राजस्थान होते हुए टिड्डी दल ने भारत के कई राज्यों पर धावा बोल दिया है। टिड्डियों के इस दल ने पंजाब, राजस्थान और मध्यप्रदेश में फसलों को तबाह कर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी के अनुसार मरुस्थलीय टिड्डियों का झुंड इस साल देश की कृषि के लिए एक गंभीर खतरा है। यह पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में वनस्पति और फसलों को काफी नुकसान पहुंचा चुका है। इसके बाद केंद्र ने 16 राज्यों को चेतावनी जारी की है।

खाद्य और कृषि संगठन की मरुस्थलीय टिड्डियों को लेकर जारी सूचना सेवा बुलेटिन के अनुसार टिड्डियां एक दिन में 150 किलोमीटर तक उड़ सकती हैं और एक वर्ग किलोमीटर का झुंड एक दिन में 35,000 लोगों के बराबर का भोजन चट कर सकते हैं।

सरकार ने कीटनाशकों के छिड़काव के लिए 11 नए निगरानी स्टेशनों की स्थापना के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के एक बेड़े को तैयार किया है और इनसे निपटने के लिए नए उपकरणों को आयात कर रही है।

महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के भंडारा, गोंदिया, नागपुर और अमरावती जिलों में टिड्डियों के झुंडों ने संतरे, आम के बागों और धान के खेतों को नुकसान पहुंचाया है।

महाराष्ट्र के संयुक्त निदेशक (कृषि) रवि भोंसले ने कहा कि एक टीम को प्रभावित क्षेत्रों में कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए गुरुवार को भंडारा भेजा गया। उन्होंने कहा, ‘समय पर कार्रवाई से फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचने से बचा लिया गया।’

बुधवार दोपहर मध्यप्रदेश से उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में घोरावल में टिड्डियों के एक झुंड ने प्रवेश किया और जिले के कई गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचाया।

जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय ने कहा, ‘नुकसान ज्यादा नहीं था क्योंकि ज्यादातर सब्जियों और अन्य फसलों की कटाई हो चुकी थी।’

आगरा में किसानों ने गुरुवार को तब राहत की सांस ली जब टिड्डियां राजस्थान के दौसा से राजस्थान के भानुगढ़ की ओर चली गईं।

प्लांट प्रोटेक्शन डिवीजन के संयुक्त निदेशक सुवा लाल जाट ने कहा कि राजस्थान में 73,000 हेक्टेयर में फैले क्षेत्र में टिड्डी के खतरे को नियंत्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य के 24 जिलों का 95,000 हेक्टेयर  प्रभावित हो चुका है। बाड़मेर, जोधपुर, गंगानगर, दौसा, बीकानेर और हनुमानगढ़ बुरी तरह प्रभावित हैं। अधिकारियों ने पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में संभावित टिड्डी हमले का मुकाबला करने के लिए चौकसी बढ़ा दी है।

पंजाब अत्यधिक संवेदनशील है क्योंकि राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में गुरुवार को तीसरे दिन भी टिड्डियां देखने को मिलीं। पंजाब के कृषि सचिव केएस पन्नू ने अधिकारियों से कहा कि फजिल्का, बठिंडा और मुक्तसर जिले जो राजस्थान की सीमा से लगते हैं, वे  टिड्डियों के हमले से निपटने के लिए कीटनाशकों के पर्याप्त भंडार से लैस है।

हरियाणा और उत्तराखंड सरकारों ने टिड्डी नियंत्रण कार्यों के समन्वय के लिए जिला नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। इन राज्यों के अधिकारियों ने कहा कि रसायनों का स्प्रे करने को ड्रोन खरीदे हैं और कीट नियंत्रण कार्यों के लिए रसायनों के साथ दमकलकर्मी और ट्रैकर्स को स्टैंडबाय पर रखा गया है।

कर्नाटक के बिदर के किसान भी चिंतित हैं क्योंकि पश्चिमी महाराष्ट्र से टिड्डियां यहां आ सकती हैं। हालांकि राज्य के कृषि मंत्री बीसी पाटिल ने कहा कि हवा के रुख से लगता है कि टिड्डियां कर्नाटक नहीं आएंगी। इसलिए किसानों को डरने की जरूरत नहीं है।

दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को समीक्षा की। बयान में तोमर के कार्यालय ने कहा कि सरकार हमले को बहुत गंभीरता से ले रही है क्योंकि इससे अगले महीने से शुरू होने वाले खरीफ सीजन को नुकसान हो सकता है।

भारत टिड्डियों का मुकाबला करने के लिए नए उपकरण खरीद रहा है। कृषि मंत्री ने ब्रिटेन के माइक्रोन समूह से 60 स्प्रेयर के आयात को मंजूरी दी है, जो छिड़काव उपकरण का निर्माता है। हेलिकॉप्टर्स को भी तैयार रखा गया है।

 

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