ज्योतिष शास्त्र के अनुसार : भूलकर भी इन दिनों में बिल्कुल भी न बनाये संबंध, वरना…

ज्योतिष शास्त्र, वास्तु शास्त्र, सामुद्रिक शास्त्र, ऐसी ही कुछ विधाएं हैं जिनके प्रयोग से हम जीवन में आ रहे संकटों के रुख मोड़ सकते हैं। तकलीफ होने पर लोग इन शास्त्रीय उपायों का प्रयोग करते हैं, लेकिन पहले भी यदि ये उपाय किए जाएं तो परेशानी का मुख नहीं देखना पड़ेगा। खैर यहां हम आपको  कुछ शास्त्रीय उपायों की चर्चा करने जा रहे हैं। आशा है कि आपको ये उपाय पसंद आएंगे और आप इनका प्रयोग कर अपने जीवन और भी बेहतर बना सकेंगे।

शारीरक संबंध बनाने की बात की जाए तो आज के समय में लोग दिनों का ध्यान रखे बिना कभी भी और किसी भी दिन शारीरिक संबंध बना लेते हैं. ऐसे में हिन्दू धर्म में ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार कुछ ऐसे दिन भी हैं जिस दिन पति-पत्नी को किसी भी रूप में शारीरिक संबंध स्थापित नहीं करने चाहिए और अगर वह ऐसा करते हैं तो दोनों में से किसी एक के बुरे दिन शुरू हो जाते हैं और बात मौत तक पहुँच जाती है. जी हाँ, आज हम आपको उन अशुभ दिनों के बारे में बताने जा रहे हैं. जब पति-पत्नी के बीच शारारिक संबंध को वर्जित माना गया है और अगर वह ऐसा करते हैं तो यह पाप माना जाता है.

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# कहते हैं शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन पति-पत्नी को एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए क्योंकि इससे उनके वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और आगे का जीवन खराब होता चला जाता है.

# कहते हैं पूर्णिमा की रात में भी वैवाहिक दंपत्ति को एक-दूसरे से अलग ही रहना चाहिए यानी संबंध नहीं बनाने चाहिए क्योंकि इससे किसी एक की मौत होना संभव माना जाता है. # कहते हैं संक्रांति का समय भी पति-पत्नी की नजदीकी का समय नहीं है और इस दौरान नजदीक आना उनके लिए हितकर नहीं है इसी कारण इन दिनों भी संबंध से दूर रहना चाहिए.

# कहा जाता है पुराणों के अनुसार रविवार के दिन भी पति-पत्नी को एक-दूसरे से दूर ही रहना चाहिए. जी हाँ, क्योंकि शारीरिक संबंधों के लिए भी यह समय शुभ नहीं है और रविवार के दिन जो भी संबंध बनाता है उसे पाप का भागीदार माना जाता है.

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