जेठमलानी ने 18 साल की उम्र की थी एलएलबी, जानिए इनकी संघर्ष की पूरी दास्तां

देश के जाने माने वकील और पूर्व कानून मंत्री पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी अपनी बेबाक टिप्पणियों को लेकर हमेशा चर्चा में रहे। उन्होंने कानपुर आकर एक गोष्ठी में अपने संघर्ष की दास्तां सुनाई थी, जिसमें अपने लिए पहला मुकदमा लड़कर वकील बनाने की बात कही थी

संगोष्ठी में शामिल होने आए थे शहर

15 जनवरी 2016 को पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी बर्रा स्थित एक विद्यालय में ‘लोकतंत्र में विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया की भूमिका’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल होने आए थे। अपने संबोधन में उन्होंने शिक्षा को बेहद जरूरी बताया था और कहा था कि लोकतंत्र में सही गलत को समझने के लिए बच्चों को कम से कम इतनी शिक्षा तो मिलनी ही चाहिए। उन्होंने लोकतंत्र में चारों स्तंभों की भूमिका और निष्पक्षता पर व्यापक प्रकाश भी डाला था।

18 साल की उम्र की थी एलएलबी

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष की कहानी भी बताई थी। उन्होंने बताया था कि वे 17 वर्ष की उम्र में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से एलएलबी में प्रथम श्रेणी से पास हुए थे। इसके बाद अधिवक्ता के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराने का प्रयास किया गया तो 21 वर्ष से पहले यह संभव नहीं होने की बात कहते हुए मना कर दिया गया था। जेठमलानी ने बताया था कि इसप उन्होंने सिविल कोर्ट में लडऩे का फैसला किया और इस तरह उन्होंने अपने लिए पहला केस लड़ा। जज उनकी बहस से सहमत हुए और 21 वर्ष की बजाय 18 वर्ष की उम्र में उन्हें अधिवक्ता बनने का मौका मिल गया।

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