जानें अनोखे पत्थर राज, इससे निकलती है घंटी की आवाज, डर जाते थे गांव लोग

जानें अनोखे पत्थर का राज, इससे निकलती है घंटी की आवाज, डर जाते थे गांव के लोग

दुनिया में आपने विशालतम और एक से बढ़कर एक सुन्दर और अनोखी चट्टानें जरूर देखी होंगी लेकिन रतलाम की एक पहाड़ी पर मौजूद चट्टान आपको सोचने पर मजबूर कर देगी क्या वाकई ये हकीकत है या कोई दैवीय चमत्‍कार.

रतलाम से 25 किलोमीटर दूर बेरछा गांव का मां अम्बे का शक्ति धाम है. सुदूर अंचल की ऊंची पहाड़ी पर विराजित मां यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी कर रही है. नवरात्र में इस पहाड़ी पर आस्था की भीड़ उमड़ रही है, जो इस दर पर आता है, खाली हाथ नहीं रहता.

सन् 1664 के पहले इस मन्दिर की स्थापना की गई थी. यहां गांव के ही एक प्रसिद्ध संत ने जिन्दा समाधि ली थी जिसके बाद इस क्षेत्र की मान्यता और अधिक बढ़ गई लेकिन इन सब के आलावा भी इस पहाड़ी पर एक और चमत्कार मौजूद है जिसकी चर्चा इन दिनों पूरे जिले में है.

यहां एक चमत्कारी चट्टान है जिसे पीटने पर घंटी की आवाज आती है और ग्रामीण इसे मां अम्बे का चमत्कार मानते हैं लेकिन सबसे बड़ी बात ये कि इस अनोखे स्थान पर जाने के लिए पहाड़ी चट्टानों और कांटो भरी झाड़ियों को पार करना होता है. यह रास्ता आसान नहीं है, जिसे पार कर इस अजब-गजब दैविक चमत्कार के दर्शन हो पाते हैं.

इस चमत्कारी चट्टान को लेकर सुनी-सुनाई बातें तो ग्रामीण अंचलों में खासी चर्चित हैं. यह चमत्कारी घंटी जैसी बजने वाली चट्टान यहां कब से है और किसने इसकी खोज की है, यह कोई नहीं जनता. आसपास के लोगों ने पहाड़ी पर मौजूद ऐसी सैकड़ों चट्टानों को ठोककर देखा है लेकिन ऐसी घंटी जैसी आवाज किसी में नहीं है. यही वजह है कि ग्रामीण इसे दैविक शक्ति भी मानते हैं और इस अनोखे पत्थर की पूजा भी करते हैं.

बहरहाल, इस चमत्कारी चट्टान की पूजा अर्चना का दौर जारी है. ग्रामीण इसे मां अम्बे का चमत्कार मानकर पूज रहे हैं. आसपास के क्षेत्रों में इस घंटी वाली चमत्कारी चट्टान की प्रसिद्धि भी बढ़ रही है लेकिन इसके पीछे की वजह चट्टान में मौजूद कोई धातु है या फिर यह वाकई मातारानी का चमत्कार है. कुल मिलाकर जिले में ग्रामीणों की आस्था का नया केंद्र बन गई है यह अनोखी चट्टान.

यहां के पूर्व सरपंच घनश्‍याम ने बताया कि यहां पहले कंटीली झाड़ियां थीं, कोई आता नहीं था. कभी-कभी किसी वजह से कुछ चीज इस चट्टान से टकराती थी तो घंटी की आवाज निकलती तो लोग डरते थे लेकिन जब से पता चला है तो इस चट्टान को देखने के लिए लोग आने लगे हैं. अकेले यही चट्टान है जिसमें से घंटी की आवाज निकलती है, बाकी में से नहीं आती है. वहीं, मंदिर के पुजारी प्रहलाद गिरी का कहना है कि यह मंदिर कब बना, इसका पता नहीं लेकिन कुछ किंवदंती है. हमारे पूर्वज यहां पूजा करते आ रहे है और अब हम करते आ रहे हैं.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com