जानिए, बाथरूम से जुड़ी चीजों के बारे में क्या कहता है वास्तुशास्त्र का नियम

जानिए, बाथरूम से जुड़ी चीजों के बारे में क्या कहता है वास्तुशास्त्र का नियम

vastu tips for bathroom वास्तु शास्त्र में घर के प्रत्येक हिस्से के लिए कुछ नियम बताए गए हैं जिनका पालन करने से घर पर हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहता है। वास्तु में घर के मुख्य द्वार से लेकर स्टोर रूम के लिए नियम है। बाथरूम घर का अहम हिस्सा होता है। इस स्थान पर राहु ग्रह का सबसे ज्यादा प्रभाव रहता है। ऐसे में बाथरूम से जुड़ें हुए वास्तु नियमों का ध्यान रखना सबसे जरूरी होता है। जानते हैं बाथरूम से जुड़े कुछ वास्तु नियम…जानिए, बाथरूम से जुड़ी चीजों के बारे में क्या कहता है वास्तुशास्त्र का नियम

– बाथरूम की दिशा घर के नैऋत्य कोण यानी पश्चिम-दक्षिण दिशा में होना चाहिए। इसके अलावा वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम दिशा) में भी बाथरूम बनवाया जा सकता है।

– बाथरूम के वास्तुदोष को दूर करने के लिए शीशे के बर्तन में नमक रखना शुभ होता है। एक हफ्ते में नमक को बदलते रहें।

– बाथरूम में पानी का निकास उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। दक्षिण और पश्चिम की ओर निकास होगा तो घर मे आर्थिक परेशानी आती है।

– अगर आप बाथरूम में शीशा लगा रखा हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इसका मुंह दरवाजे की ओर नहीं होना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक उर्जा का प्रवेश घर में होता है।

– बाथरूम में बाल्टी या टब जो भी हो उसे खाली न रखें। इनमें पानी हमेशा भरा रहने पर खुशियां स्थायी बनी रहती हैं।

– बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी जरूर रखना चाहिए। नीला रंग खुशहाली और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है।

– बाथरूम में क्रिस्टल बॉल दरवाजे पर लटका कर रखने से नकारात्मक उर्जा के प्रसार से बचाव होता है।

– बाथरूम में बिजली के उपकारण हमेशा दक्षिण पूर्व यानी आग्नेय कोण में होने चाहिए।

– बाथरूम के नल से लगातार पानी टपकते नहीं रखना चाहिए। इसे बहुत बड़ा वास्तुदोष माना गया है।

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