जानिए पीरियड्स के दौरान सेक्स हेल्थ के लिए है कितना सुरक्षित….

शारीरिक संबंध बनाना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. आमतौर पर मासिक धर्म के दौरान शारीरिक संबंध बनाने को लेकर कई लोगों के मन में सवाल रहते हैं कि यह इस दौरान सबंध बनाना उचित रहता है या नहीं. myUpchar से जुड़ीं डॉ. अर्चना निरुला के अनुसार, मासिक धर्म का मतलब यह नहीं है कि आपको यौन संबंध बनाना छोड़ना होगा, बल्कि कई महिलाओं के लिए तो इस दौरान संबंध बनाना अधिक सुखद रहता है. हालांकि, इस दौरान कुछ विशेष सावधानियां रखनी चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से –

ल्यूब्रिकेशन की जरूरत नहीं

मासिक धर्म के दौरान स्त्री के शरीर के कई तरह के बदलाव होते हैं. यदि मासिक धर्म के दौरान संबंध स्थापित किए जाते हैं तो ल्यूब्रिकेशन की आवश्यकता नहीं होती है. वहीं इस अवधि में संबंध स्थापित करने से मासिक धर्म के प्रभावों को कम किया जा सकता है. कई महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान ऐंठन, माइग्रेन और सिरदर्द जैसी शिकायत होती है. यदि इस दौरान शारीरिक संबंध स्थापित किए जाएं तो इन तमाम तकलीफों को कम किया जा सकता है.

संक्रमण का जोखिम भी ज्यादा

मासिक धर्म के दौरान सुरक्षित संबंध स्थापित करना बेहद आवश्यक होता है क्योंकि इस दौरान संक्रमण का खतरा भी बहुत ज्यादा होता है. किसी भी एक पार्टनर को गर्भनिरोधक का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. आमतौर पर योनि का पीएच स्तर 3.8 से 4.5 तक रहता है, लेकिन मासिक धर्म के दौरान योनि का पीएच स्तर बढ़ जाता है, जिससे यीस्ट अधिक बढ़ने से संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है.

गर्भधारण का खतरा भी कम

myUpchar से जुड़ीं डॉ. अर्चना निरुला के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान शारीरिक संबंध स्थापित करने से गर्भधारण का खतरा भी कम रहता है, क्योंकि इस दौरान महिलाएं अंडोत्सर्ग से कई दिन दूर हो जाती हैं. जबकि माहवारी के बाद शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण करने की संभावना ज्यादा रहती है.

यौन संबंध से होता है दर्द का निवारण

मासिक धर्म के दौरान महिलाएं ऐंठन, उदासी, पेट दर्द, सिर दर्द जैसी तकलीफें महसूस करती हैं, लेकिन यदि शारीरिक संबंध स्थापित किए जाएं तो एंडोर्फिन, ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन उत्सर्जित होते हैं, जिससे शरीर को सुख महसूस होता है.

अधिक यौन उत्तेजना की अनुभूति

माहवारी के दौरान यदि संबंध स्थापित किए जाते हैं तो यौन उत्तेजना की अनुभूति होती है. इस दौरान यौन अंग ज्यादा संवेदनशील महसूस कर सकते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक कई महिलाएं पेल्विक क्षेत्र में रक्त संकुचन भी फील कर सकती हैं.

साथी की रजामंदी पर ही बनाएं संबंध

यूं तो माहवारी के दौरान बहुत कम लोग संबंध बनाना पसंद करते हैं. इसका मुख्य कारण यह भी है कि अधिकतर माहिलाएं इस दौरान संबंध स्थापित करने में असहज महसूस करती हैं. माहवारी के दौरान अपने पार्टनर से इस बारे में खुलकर चर्चा कर लें, उसके बाद ही संबंध स्थापित करें.

सेक्स सिर्फ शारीरिक सुख नहीं, एक व्यायाम भी

आमतौर पर पार्टनर से संबंध आनंद और शारीरिक सुख से लिए स्थापित किए जाते हैं. इसका एक, दूसरा पक्ष यह है कि शारीरिक संबंध बनाने में बहुत ज्यादा कैलोरी बर्न होती है. यदि मासिक धर्म के दौरान संबंध स्थापित होते हैं तो महिलाओं का शारीरिक व्यायाम भी अच्छी तरह से हो जाता है और दूषित रक्त का स्त्राव आसानी से हो पाता है. यह दूषित रक्त एक प्रकार से शरीर के लिए टॉक्सिन ही रहता है. ऐसा होने पर महिलाएं कई अन्य तकलीफों से बच सकती हैं.

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