रांची : भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज उमेश यादव का मानना है कि टेस्ट टीम में शामिल होने के बाद उन्हें बतौर गेंदबाज अपनी कमज़ोरियों और ताकतों को जानने का मौका मिला. जिससे उनका आत्मविश्वास बढा गया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यादव ने मीडिया कहा कि, मैं कुछ नया नहीं कर रहा हूं लेकिन मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया है, और मेहनत रंग ला रही है. जब टीम में मेरी जगह पक्की नहीं थी तब तक मुझे नहीं पता था कि अब आगे क्या करना है. लेकिन अब इतने मैच खेलकर मुझे समझ आ गया है कि मुझे अब आगे क्या करना है और क्या नहीं. मुझे धीरे-धीरे अपनी सकारात्मक और नकारात्मक दोनों चीजो के बारे में अहसास होने लगा है
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यादव ने मीडिया कहा कि, मैं कुछ नया नहीं कर रहा हूं लेकिन मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया है, और मेहनत रंग ला रही है. जब टीम में मेरी जगह पक्की नहीं थी तब तक मुझे नहीं पता था कि अब आगे क्या करना है. लेकिन अब इतने मैच खेलकर मुझे समझ आ गया है कि मुझे अब आगे क्या करना है और क्या नहीं. मुझे धीरे-धीरे अपनी सकारात्मक और नकारात्मक दोनों चीजो के बारे में अहसास होने लगा है 
उसके बाद यादव ने बताया कि वह समझ लेते है कि विकेट लेने के लिए क्रॉस सीम से गेंदबाजी करना फायदेमंद होगा या नहीं. उन्होंने बताया कि जब उन्हें लगता है कि गेंद उछाल लेगी तो फिर में अपने व्यवहार के अनुरूप गेंदबाजी करने लगते है
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