भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बीच शनिवार को कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती मनाई गई। इस दौरान पुलिस ने हिदू समर्थक दलों और भाजपा से जुड़े कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। विधानसभा सौध में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और उनकी पार्टी जेडीएस के शामिल नहीं होने पर कांग्रेस नेताओं ने नाराजगी जताई है। 18वीं सदी के मैसूर के मुस्लिम शासक टीपू सुल्तान की प्रत्येक साल 10 नवंबर को जयंती मनाने की शुरुआत राज्य की पूर्व कांग्रेस सरकार ने 2015 में की थी।
टीपू जयंती से संबंधित मुख्य सरकारी कार्यक्रम विधानसभा सौध में आयोजित किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के शामिल नहीं होने से इसकी चमक फीकी रही। सीएम कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि डॉक्टरों की आराम करने की सलाह के चलते वे इसमें शामिल नहीं हो सके। वहीं डिप्टी सीएम जी. परमेश्वर पार्टी के एक बीमार नेता को देखने सिंगापुर गए हुए हैं।
भाजपा और हिदू समर्थक दलों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कार्यक्रम स्थल को पूरी तरह से किले में तब्दील कर दिया गया था। सख्ती का आलम यह था कि किसी भी व्यक्ति को दवाई, परफ्यूम और यहां तक की पानी की बोतल तक ले जाने की मनाही थी। सिंचाई मंत्री डीके शिवकुमार के नेतृत्व में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां पर कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर राजनीति को धार्मिक रंग देने का आरोप लगाया।
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