कोरोना वायरस का प्रभाव दवा बाजार पर पड़ रहा देश की बड़ी दवा कंपनियों ने 350 से अधिक दवाओं के बढ़े दामों वाली पीटीएस जारी कर दी

कोरोना वायरस का प्रभाव दवा बाजार पर पड़ रहा है। तीन माह से चीन में कोरोना वायरस का कहर है। इसलिए चीन से सभी प्रकार का आयात और निर्यात रुक गया है। ऐसे में दवाओं में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल नहीं आ रहा है। इसका बड़ा असर दवाओं के दामों पर पड़ रहा है।
देश की बड़ी दवा कंपनियों ने 350 से अधिक दवाओं के बढ़े दामों वाली पीटीएस जारी कर दी है। वायरस के कारण दवाओं के दामों में 20 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। प्रदेश में थोक और खुदरा दवा विक्रेताओं की संख्या 20 हजार है, जबकि पानीपत में 1150 थोक खुदरा दुकानें हैं।

कोरोना वायरस के कारण कच्चा माल नहीं आने से ब्रांडेड और जेनेरिक दवाओं की कीमत में वृद्धि पहले से ही मानी जा रही थी। दवा कंपनियों की ओर से जारी प्राइज टू स्टॉकिस्ट की लिस्ट ने इस पर मोहर भी लगा दी।

सूची में खांसी, बुखार, जुकाम, शुगर, बीपी और हार्ट रोग की दवाएं शामिल हैं। आने वाले दिनों में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा की किल्लत कभी भी बढ़ सकती है। इसलिए सिविल अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं का स्टॉक बढ़ाया जा रहा है।

चीन से थ्री लेयर और एन-95 मास्क का काफी निर्यात किया जाता है। वहां से निर्यात बंद होने के कारण एन-95 मास्क मार्केट से गायब हो चुका है। चार से पांच रुपये की कीमत वाले मास्क की कीमत 20 रुपये तक पहुंच चुकी है। जरूरतमंदों को एडवांस में ऑर्डर देना पड़ रहा है।
कोरोना वायरस से प्रदेश के 15 हजार करोड़ के दवा कारोबार पर संकट

चीन में फैले कोरोना वायरस के कारण हरियाणा के करीब 15 हजार करोड़ के दवा कारोबार पर संकट गहरा गया है। दवा बनाने के लिए कच्चा माल कंपनियों को नहीं मिल रहा है। कालाबाजारियों ने कच्चा माल की कीमतें दो से छह गुना तक बढ़ा दी है।

प्रदेश में लगभग 200 कंपनियां दवा बना रही है। प्रदेश में थोक और खुदरा विक्रेताओं की संख्या 20 हजार है और प्रदेश में 15 हजार करोड़ का सालाना कारोबार है। दवाओं में इस्तेमाल होने वाला 60 प्रतिशत कच्चा माल चीन से आता है।

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