कोरोना को रोकने का मिलने वाला है नया तरीका, काट खोजने में जुटे वैज्ञानिकों

कोरोना वायरस (कोविड-19) की काट खोजने में जुटे वैज्ञानिकों को ब़़डी कामयाबी मिली है। उन्होंने एक ऐसा नया तरीका खोज निकाला है, जिससे इस खतरनाक वायरस को रोकना संभव हो सकता है। उन्होंने कई मॉलीक्यूल की पहचान की है जो कोरोना से जु़ड़े एक प्रोटीन पर अंकुश लगा सकते हैं। इसी प्रोटीन के जरिये यह वायरस प्रगति करता है। इस खोज से कोविड–19 के लिए नए उपचार के विकास की राह खुल सकती है।

अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, नया कोरोना वायरस सार्स–कोवी–2 पॉलिमर्स नामक प्रोटीन का उपयोग करता है। इस प्रोटीन के जरिये कोरोना संक्रमित मानव कोशिकाओं के अंदर अपने जीनोम की प्रतिकृति तैयार करता है। उन्होंने बताया कि पॉलिमर्स की इस प्रतिक्रिया को खत्म करने से कोरोना की वृद्धि बंद हो जाएगी और ऐसा होने पर प्रतिरक्षा प्रणाली ([इम्यून सिस्टम)] इसका उन्मूलन कर सकती है। एंटीवायरल रिसर्च पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, 11 में से छह मॉलीक्यूल पॉलिमर्स की प्रतिक्रिया को तत्काल खत्म करने में प्रभावी पाए गए। दो मॉलीक्यूल को इस काम में थो़ड़ा वक्त लगा, जबकि तीन इस प्रतिक्रिया पर अंकुश लगाने में असफल पाए गए।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जिंग्यू जू ने कहा, ‘हम इस बात को लेकर बेहद आशांवित हैं कि हम लोगों की ओर से पहचाने गए मॉलीक्यूल के उपयोग से नए कंपाउंड की डिजाइन तैयार हो सकती है। इससे कोरोना के लिए नए उपचार विकसित किए जा सकते हैं।’

वैज्ञानिकों ने पहचाने 6 संभावित चिकित्सीय लक्ष्य

कोरोना वायरस संक्रमण के लिए अभी तक कोई दवा या वैक्‍सीन ईजाद नहीं हो पाई है। मरीजों को ठीक करने के लिए अभी तक वैकल्पिक दवाइयों का ही इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इस बीच गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मरीजों में कोरोना वायरस के प्रति रोग प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का आकलन कर, वैज्ञानिकों ने छह अणुओं के अनोखे पैटर्न की पहचान है। इस पैटर्न का इस्तेमाल कर बीमारी के लिए चिकित्सीय लक्ष्यों (Therapeutic Targets यानि जीव में मौजूद ऐसी जगह जहां दवा या पदार्थ सीधे पहुंचाया जा सके) के रूप में किया जा सकता है।

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