कोझिकोड हादसा: पायलटों ने दो बार लैंडिंग टालने की कोशिश की सफल भी हुए मगर तीसरी बार की कोशिश नाकाम साबित हुई

दुबई से आ रहा एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान शुक्रवार शाम केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद दो हिस्सों में टूट गया. इसमें पायलट और को-पायलट समेत 18 लोगों की मौत हो गई.

कोझिकोड हादसे को टालने में दोनों पायलट ने बहुत कोशिश की. बताया जा रहा है कि पायलटों ने दो बार लैंडिंग टाली थी, तीसरी बार कोशिश की लेकिन विमान को हादसे की चपेट में आने से नहीं बचा सके. कैप्टन अखिलेश और दीपक साठे दोनों की गिनती देश के बेहतरीन पायलटों में की जाती थी, जो इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे.

हादसे में मरने वालों में पायलट-इन-कमांड कैप्टन दीपक साठे और उनके को-पायलट कैप्टन अखिलेश कुमार भी शामिल हैं. दीपक साठे भारतीय वायु सेना (IAF) के पूर्व विंग कमांडर थे और उन्होंने एयरफोर्स के उड़ान परीक्षण प्रतिष्ठान में सेवा की थी.

बहरहाल, कोझिकोड के हादसे ने देश के दो बहादुर पायलटों की जान ले ली. हादसे में 59 साल के कमांडर दीपक वसंत साठे और 33 साल के कैप्टन अखिलेश कुमार की मौत हो गई. दीपक साठे की गिनती देश के बेहतरीन पायलट में की जाती रही है.

बताया जा रहा है कि एयरफोर्स के बैकग्राउंड और अपने कुशल एविएशन एक्सपीरियंस के बल पर दीपक ने कोझिकोड में विमान को बचाने की बहुत कोशिश की. लेकिन इन तमाम कोशिशों के बावजूद विमान हादसे का शिकार हो गया.

एयर इंडिया के लिए काम करने वाले दीपक एक जमाने में एयरफोर्स अकेडमी के एक होनहार कैडेट के रूप में जाने जाते थे. दीपक साठे को उनकी काबिलियत के बल पर एयरफोर्स अकेडमी का प्रतिष्ठित ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ सम्मान भी मिल चुका था.

एयरफोर्स की नौकरी के बाद दीपक ने एयर इंडिया की कॉमर्शियल सर्विसेज जॉइन कर ली थी. पायलट दीपक साठे के पिता सेना में ब्रिगेडियर थे. वहीं उनके एक भाई करगिल युद्ध में शहीद हो गए थे.

दीपक देश के उन चुनिंदा पायलट्स में से एक थे, जिन्होंने एयर इंडिया के एयरबस 310 विमान और बोइंग 737 को उड़ाया था. कोझिकोड हादसे ने देश के दो बेहतरीन पायलट छीन लिए.

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