कुल्लू की ट्राउट का स्वाद इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं चख सकेंगे

बर्फ के ठंडे पानी में तैयार होने वाली कुल्लू की ट्राउट का स्वाद इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं चख सकेंगे। कुल्लू से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दो दिवसीय भारत दौरे में ट्राउट नहीं भेजी जा रही है। इससे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए पतलीकूहल से ट्राउट विशेष रूप से भेजी गई थी।

उन्हें पतलीकूहल के ट्राउट फार्म में तैयार ट्राउट विशेष रूप से परोसी गई थी। बराक ओबामा को ट्राउट ले जाने के लिए अमेरिका और भारत के सुरक्षाकर्मी विशेष विमान में यहां पहुंचे थे।

साल 2019 में ब्यास नदी में आई बाढ़ ने पतलीकूहल के ट्राउट फिश को तहस-नहस कर दिया। बाढ़ में ट्राउट फार्म का कुछ भी नहीं बचा। फार्म में पल रही कुछ मछलियां और अंडे बह गए। इसके बाद से यहां पर ट्राउट का उत्पादन ठप है।

प्रशासन और विभाग की नाकामी के चलते इस बार कुल्लू का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आने से रह गया। वर्ष 1989 में मनाली के समीप पतलीकूहल में इंडो-नार्वेजियन ट्राउट फिश फार्म स्थापित किया गया। विदेशी प्रजाति की इस ट्राउट मछली के स्वाद और औषधीय गुणों के चलते हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक इसके चर्चे होने लगे।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी भी ट्राउट मछली के शौकीन थे। मत्स्य विभाग के बिलासपुर में तैनात निदेशक सतपाल मेहता ने कहा कि पतलीकूहल में ट्राउट फार्म नष्ट हो गया है। इसे दोबारा बनाया जा रहा है। लिहाजा इस बार अमरिकी राष्ट्रपति के लिए ट्राउट का ऑर्डर नहीं मिला है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com