किसानों का दिल्ली में प्रवेश करना तय, भीड़भाड़ के साथ दोगुना होगा कोरोना संक्रमण का खतरा

दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन की जगह को लेकर तनाव बना हुआ है। लेकिन अंततः किसानों का दिल्ली में प्रवेश करना तय हो गया है। इससे दिल्ली में भीड़भाड़ और कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा तेज हो गया है। इसी बीच खबर है कि अगर किसानों का आंदोलन लंबा खिंचता है तो दिल्ली सरकार किसान आंदोलनकारियों को कोरोना टेस्ट कराने की सुविधा दे सकती है। इसके लिए प्रदर्शन स्थल के पास कोरोना टेस्टिंग सुविधा वाली मोबाइल वैन तैनात की जा सकती हैं। दिल्ली सरकार इसके लिए केंद्र के पास औपचारिक सहायता की मांग भी कर सकती है।

दिल्ली सरकार के एक उच्च पदस्थ सूत्र के अनुसार लाखों किसानों के दिल्ली आने से राजधानी में कोरोना संक्रमण बढ़ने की संभावना हो सकती है। इससे निपटने के लिए प्रदर्शनस्थल के आसपास मोबाइल टेस्टिंग वैन तैनात की जा सकती हैं, ताकि किसानों में संक्रमण के कोई भी लक्षण दिखाई पड़ें वे अपना टेस्ट करा सकें। ये टेस्ट एंटीजन या आरटीपीसीआर कैटेगरी के हो सकते हैं। इस पर डीडीएमए की बैठक में अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। इस बैठक में दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लगाने के मामले पर भी अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

दिल्ली में आईसीएमआर की सहायता से पहले से ही मोबाइल वैन के जरिए कोरोना टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इन वैन पर 500 रुपये में कोरोना टेस्ट कराया जा सकता है। एक मोबाइल वैन से एक दिन में 3000 सैंपल लिए जा सकते हैं और छह घंटों के भीतर रिपोर्ट मिल जाती है। राजधानी में इस प्रकार की दस वैन चलाने की योजना है। इसके लिए निजी एजेंसियों की भी सहायता ली जा सकती है।

वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार किसान आंदोलन से राजधानी में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली में पहले ही कोरोना टेस्ट पर भारी दबाव है और इसके लिए केंद्र की मदद ली जा रही है। अगर किसानों के आने से कोई संक्रमण के मामलों में कोई विस्फोट जैसी स्थिति बनती है तो इससे कोरोना इलाज की क्षमताओं पर असर पड़ सकता है।

राजधानी में गुरुवार 26 नवंबर को 63 हजार 266 कोरोना टेस्ट किए गए। इसमें 28897 आरटीपीसीआर टेस्ट और अन्य, और 34369 एंटीजन टेस्ट शामिल थे। इनमें 8.65 फीसदी पॉजिटिविटी दर के साथ 5475 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। दिल्ली में अब तक 60 लाख 39 हजार 703 टेस्ट किए जा चुके हैं। यह प्रति दस लाख की आबादी पर 3.17 लाख के बराबर है। पिछले दस दिन में राजधानी में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 1.77 फीसदी पर बना हुआ है। गुरुवार को भी कोरोना से 91 लोगों की मौत हुई है।

शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी सरकार से स्टेडियमों को अस्थाई जेल बनाने के लिए देने की मांग की थी। लेकिन दिल्ली सरकार ने स्टेडियमों को देने से इनकार कर दिया। दिल्ली सरकार ने कहा कि किसानों की मांगें सही हैं और केंद्र सरकार को किसानों की मांगे तुरंत मान लेनी चाहिए। सरकार ने कहा है कि अहिंसक आंदोलन करना हर भारतीय का अधिकार है और इसके लिए किसी को जेल में नहीं डाला जा सकता।

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