कानपुर में आज से सभी धार्मिक स्थल खुलेंगे, जानिए- क्या होंगे दर्शन-पूजन के नए नियम

लंबे इंतजार के बाद प्रशासन ने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च खोलने की अनुमति दे दी है। बुधवार से एक बार में अधिकतम सौ लोगों को धर्म स्थल में प्रवेश मिल सकेगा, लेकिन परिसर में यदि सिर्फ पांच लोगों के ही एक साथ खड़े होने या बैठने की जगह है तो फिर छठे व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिरों में मूर्तियों के स्पर्श पर रोक रहेगी। मस्जिदों में वजू नहीं किया जाएगा, लोग घर से ही वजू करके आएंगे। किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन नहीं होंगे। मंगलवार की शाम कलेक्ट्रेट में डीएम आलोक तिवारी और एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने धर्माचार्यों और धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों के साथ बैठक कर उन्हें कुछ प्रतिबंधों के साथ धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति दी।

लॉकडाउन के साथ ही धार्मिक स्थलों को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। ऐसे में मार्च से ही धार्मिक स्थल बंद हैं। सिर्फ प्रबंधन से जुड़े लोग ही वहां इबादत के लिए जाते रहे हैं। पिछले दिनों एडीएम सिटी अतुल कुमार ने धर्माचार्यों के साथ बैठक कर उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कुछ उपाय करने के लिए एक प्रारूप दिया था। यह प्रारूप शपथ पत्र के रूप में था, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे नियमों का उल्लंघन नहीं करेंगे।

प्रारूप थानों में जमा होने के बाद मंगलवार को डीएम व एसएसपी ने बैठक की। डीएम ने कहा कि संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए यह जरूरी है कि नियमों का पालन किया जाए। लोग मास्क लगाकर आएं, वहां सैनिटाइजर रखा हो, लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाए ताकि संक्रमण एक से दूसरे में फैलने का खतरा न हो। संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए सभी का सहयोग जरूरी है।

एसएसपी ने कहा कि जब हम कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बनाए गए नियमों का पालन करेंगे तो निश्चित रूप से बीमारी पर काबू पा लेंगे। नियमों का पालन सभी को कराना है। उल्लंघन किसी भी हालत में नहीं होना चाहिए। एडीएम सिटी अतुल कुमार ने कहा कि परिसर में एक समय में अधिकतम सौ लोग प्रवेश कर सकते हैं, लेकिन हमें शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखना है। ऐसा न हो कि दस लोगों की जगह है और हमने उससे अधिक लोगों को प्रवेश दे दिया।

शहरकाजी हाफिज मामूर अहमद जामई ने बताया कि मस्जिदों में जमात के दौरान कोविड नियमों का पालन सख्ती से किया जाएगा। घरों से वजू करके लोग मस्जिद में प्रवेश करेंगे। महामंडलेश्वर जितेंद्र दास महाराज, महंत श्रीकृष्ण दास महाराज, बालयोगी अरुणपुरी चैतन्य, आनंदेश्वर मंदिर के संत इच्छागिरी महाराज, अरुणगिरी महाराज, शेष नारायण त्रिवेदी, शहरकाजी मौलाना अब्दुल कुद्दूस हादी, सरदार हरविंदर सिंह लार्ड, पादरी डायमंड यूसुफ, मौलाना हासिम असरफी, हाजी मोहम्मद सलीस आदि मौजूद रहे।

ये आयोजन नहीं होंगे

लंगर व भंडारे का आयोजन नहीं होगा। किसी भी तरह के धार्मिक जुलूस नहीं निकाले जाएंगे। जलसा और सत्संग भी नहीं होगा। धार्मिक नृत्य नाटिका व उससे जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे।

ये व्यवस्था करनी होगी

  • – धर्मस्थलों में नियमित सैनिटाइजेशन कराना होगा।
  • -इंफ्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था करनी होगी।
  • – बिना मास्क के किसी को प्रवेश नहीं मिलेगा।
  • – श्रद्धालु मूर्तियों व धार्मिक ग्रंथों को स्पर्श नहीं कर सकेंगे ।
  • – किसी भी तरह का जल नहीं छिड़का जाएगा।
  • – शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा।
  • – जूते- चप्पल रखने के लिए अलग व्यवस्था होगी।
  • – प्रवेश व निकासी के अलग-अलग द्वार बनाए जाएंगे।
  • – मास्क, ग्लब्स आदि का निस्तारण करने की व्यवस्था होगी।
  • – प्रवेश द्वार पर ही लोगों का हाथ सैनिटाइजर से धुला जाएगा।
  • – पार्किंग स्थलों पर भीड़ एकत्र न हो, इसका प्रबंध करना होगा।

टोल फ्री नंबर लिखा जाएगा

धार्मिक स्थलों पर कोविड कंट्रोल रूम का नंबर लिखा जाएगा ताकि इससे जुड़ी सूचना लोग दे सकें। जागरुकता संबंधी जानकारियां भी लिखी जाएंगी।

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