एम्स बाउंसर मारपीट मामला : पुलिस कार्रवाई से परिजन खुश नहीं

एम्स में हुए मारपीट मामले में पीड़ित परिवार पुलिस की जांच से खुश नहीं है. इस पूरे मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 341, 354, 509 और 34 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस की इस कार्रवाई से  पीड़ित परिवार काफी नाराज है, बच्ची के पिता और पीड़ित असगर अली का कहना है कि ये जानलेवा हमला था.

एम्स में हुए मारपीट मामले में पीड़ित परिवार पुलिस जांच से खुश नहीं है. इस पूरे मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 341, 354, 509 और 34 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. बच्ची के पिता और पीड़ित असगर अली का कहना है कि ये जानलेवा हमला था, उनके और परिवार के लोगों को काफी चोटें आई हैं. कई टांके लगे हैं, हड्डी टूटी है बावजूद इसके पुलिस ने मामूली धाराओं में मामला दर्ज कर किया है. पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है और न ही एम्स प्रशासन अपनी गलती मान रहा है. पुलिस उन्हीं पर आरोप लगा रही है, वहीं पुलिस का कहना है कि कार्रवाई जारी है. मामले में शामिल 5 सुरक्षा गार्ड्स को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

ये हंगामा देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स का है, जहां आरोप है कि एम्स के सिक्युरिटी गार्ड और बाउंसर मरीज़ के तीमारदारों की लाठी डंडो से पिटाई कर रहे हैं. एम्स ट्रामा सेंटर में मरीज के परिजनों की पिटाई का एक वीडियो सामने आया है, जिसमे एम्स ट्रामा सेंटर में मौजूद बाउंसर लाठी डंडों से मरीज के परिजन की पिटाई कर रहे हैं.

पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है की पिछले कुछ दिनों से इनकी 14 साल की बेटी एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती है, जिसकी रीढ़ की हड्डी की सर्जरी बीते शनिवार को हुई थी.पीड़ित परिवार का कहना है की विज़िटर पास पर 2 लोगों को अस्पताल में अंदर जाने की इजाजत दी जाती है लेकिन अस्पताल के बाउंसर एक ही शख्स को अंदर जाने दे रहे थे. जिस बात को लेकर पीड़ित परिवार और अस्पताल के बाउंसर के बीच कहासुनी शुरू हो गयी और गुस्से में बाउंसर ने लाठी डंडों से पूरे परिवार की पिटाई कर दी.

हैरानी वाली बात ये है कि वीडियो में अस्पताल के बाउंसर परिजनों की डंडे से पिटाई करते साफ नजर आ रहे है और पुलिस मूकदर्शक बनीं नजर आ रही है. इस पूरी घटना में एक ही परिवार के कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

वही दूसरी ओर एम्स प्रशासन का कहना है एक पीड़ित पक्ष के कई लोग ज़बरदस्ती अस्पताल के अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे और बाउंसर ने रोका तो उनकी तरफ के करीब 30 लोगों ने पहले मारपीट शुरू की. लेकिन दोनों तरफ के कई लोग जख्मी हुए है और इस मामले की एम्स प्रशासन जांच करेगा और अगर सुरक्षा कर्मियों की गलती हुई तो उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा.

हालांकि इस पूरे मामले के बाद एम्स पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं, जब इतनी ज्यादा चोट लगी तो पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला क्यों दर्ज नहीं किया. मुकदमा हल्की धाराओं में क्यों दर्ज हुआ. इस घटना के बाद मरीज भी एम्स में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.

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