एक अनोखा आइलैंड, जहां कोरोना पीड़ित लोगों नहीं है, जाने की इजाजत

एक अनोखा आइलैंड, जहां कोरोना पीड़ित लोगों नहीं है, जाने की इजाजत

कोरोना वायरस ने दुनियाभर को अपनी चपेट में ले रखा है। करोड़ों लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं जबकि लाखों लोगों की इस वायरस के कारण मौत हो चुकी है। हालांकि दुनियाभर में इस वायरस से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी अच्छी खासी है। चूंकि इस महामारी की वजह से लगभग सारे कारोबार और पर्यटन स्थल कई महीनों से बंद हैं, लोगों का आना-जाना कहीं हो नहीं रहा है, लेकिन अब धीरे-धीरे कुछ पर्यटन स्थलों को कुछ शर्तों के साथ खोला जा रहा है। इसमें ब्राजील का फर्नांडो डी नोरोन्हा द्वीप भी शामिल है, लेकिन अब यह द्वीप एक अजीब सी शर्त की वजह से चर्चा में आ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शर्त ये है कि यहां वहीं लोग घूमने आ सकते हैं, जो कोरोना से संक्रमित हुए थे और अब ठीक हो चुके हैं। 

अधिकारियों के मुताबिक, इस द्वीप पर आने वाले पर्यटकों को कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट भी अपने साथ लेकर आनी होगी और वो रिपोर्ट कम से कम 20 दिन पुरानी होनी चाहिए। दरअसल, ये शर्त इसलिए लगाई गई है ताकि इस द्वीप पर रहने वाले लोग कोरोना वायरस से सुरक्षित रहें। 

दरअसल, फर्नांडो डी नोरोन्हा द्वीप पिछले पांच महीनों से बंद है, लेकिन अब इसे नई शर्तों के साथ एक सितंबर से खोला गया है। बताया जा रहा है कि अब सीमित संख्या में ही लोगों को इस द्वीप पर आने की इजाजत मिलेगी। अधिकारियों के मुताबिक, शर्त पूरी करने वाले पर्यटक ही यहां आ पाएंगे। 

फर्नांडो डी नोरोन्हा एक द्वीप समूह है, जिसके आसपास 20 छोटे-छोटे द्वीप हैं। इसका मुख्य द्वीप करीब 28.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसका निर्माण ज्वालामुखीय चट्टानों से हुआ है। यूनेस्को ने इस द्वीप समूह को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। 

कहते हैं कि इस द्वीप पर रोजाना सिर्फ 420 पर्यटकों को ही आने की इजाजत मिलती है। इस द्वीप की सबसे रोचक बात ये है कि 20वीं सदी के मध्य तक यहां के मुख्य द्वीप का इस्तेमाल कैदखाने की तरह होता था, जहां ब्राजील के सबसे खतरनाक अपराधियों को रखा जाता था, चाहे वो हत्यारा हो, चार हो या राजनीतिक कैदी। 

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