उमर अब्दुल्ला का विवादित बयान, पीएम मोदी ने कहा- ये कहने की हिम्मत कैसे हुई

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला पर कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री की कथित रूप से वकालत करने वाली उनकी टिप्पणी को लेकर सोमवार को निशाना साधा और कांग्रेस और महागठबंधन की पार्टियों के नेताओं से कहा कि वे इस पर अपना रुख स्पष्ट करें. मोदी ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि अब्दुल्ला ने कहा है कि कश्मीर के लिए एक अलग प्रधानमंत्री होना चाहिए. उन्होंने सवाल किया, ‘‘हिंदुस्तान के लिए दो प्रधानमंत्री? क्या आप इससे सहमत हैं? कांग्रेस को जवाब देना होगा और महागठबंधन के सभी सहयोगियों को जवाब देना होगा.

क्या कारण हैं और उन्हें ऐसा कहने की हिम्मत कैसे हुई. ’’ मोदी ने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और राकांपा प्रमुख शरद पवार से भी पूछना चाहते हैं कि क्या वे उमर अब्दुल्ला के बयान से सहमत हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं बंगाल दीदी पूछना चाहता हूं जो काफी शोर मचाती हैं, क्या आप इससे सहमत हैं?

जनता को जवाब दीजिये.  यूटर्न (चंद्रबाबू) बाबू से जिनके साथ हाल में फारुक अब्दुल्ला ने आंध्र प्रदेश में प्रचार किया था.  क्या आप मानते हैं कि नायडू को वोट मिलने चाहिए?’’ मोदी ने कहा, ‘‘राकांपा के शरद पवार और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा जिनके पुत्र कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं, उन्हें भी जवाब देना चाहिए.

क्या आप उनके (महागठबंधन) साथ जाना चाहेंगे क्या उनसे अलग होंगे?’’ भाजपा नेताओं के अनुच्छेद 370 खत्म करने का पक्ष लेने की पृष्ठभूमि में अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में बरसों पहले अलग प्रधानमंत्री होने की बात का उल्लेख किया था.

उमर अबदुल्ला ने का विवादित बयान, कहा- इंशाअल्लाह जम्मू-कश्मीर में हमारा अलग PM होगा
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने चुनाव से पहले विवादित बयान दिया है.कश्मीर के बांदीपोरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि, ‘आज हमारे ऊपर तरह-तरह के हमले हो रहे हैं और तरह-तरह की साजिशें रची जा रही हैं. जम्मू-कश्मीर की पहचान को मिटाने के लिए बड़ी- बड़ी ताकतें लगी हुई हैं.

‘बाकी रियासत बिना शर्त के देश में मिले, पर हमने कहा कि हमारी अपनी पहचान होगी, अपना संविधान होगा. हमने उस वक्त अपने “सदर-ए-रियासत” और “वजीर-ए-आजम” भी रखा था, इंशाअल्लाह उसको भी हम वापस ले आएंगे.’

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