उत्तराखंड में आफत की बारिश, मलबा आने से कई जिलों में नेशनल हाईवे बंद

उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से आम लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। प्रदेश के कई जिलों में नेशनल हाईवे मलबा आने के बाद बंद हो गए हैं। रास्ते बंद होने से जगह-जगह गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें लगने के बाद यात्री फंसे हुए हैं। भारी बरसात के बाद गंगा सहित अन्य नदियां उफान पर हैं।  नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। मौसम विभाग ने राज्य में अगले चार दिन के लिए बारिश का अलर्ट जारी करते हुए बहुत जरूरी नहीं होने पर पहाड़ की यात्रा टालने की सलाह दी है।  उत्तरकाशी, देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है।

मौसम के बिगड़ते मिजाज से तटीय क्षेत्र में बसे लोग बाढ़ की आशंका को देखते हुए सहमे हुए हैं। देहरादून के मालदेवता रोड पर सड़क पर मलबा आने के कारण पहाड़ों को जाने वाला रास्ता बाधित है। हालांक, राहत की बात है कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं है। सड़क पर मलबा हटाने का कार्य जेसीबी द्वारा किया जा रहा है लेकिन लगातार हो रही बारिश से नोडल एजेंसी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पर्यटन नगरी मसूरी में भी देर रात्रि से हो रही मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन प्रभावित हो गया। बारिश के बाद मसूरी-देहरादून मार्ग पर गलोगी धार के पास भूस्खलन के बाद बंद हो गया है। वहीं दूसरी ओर, पर्यटक स्थल केंपटी फॉल का जलस्तर बढ़ने से फॉल के अंदर मलबा भरने से पर्यटकों को जाने से रोका जा रहा है।

गढ़वाल के गांवों पर आफत : प्रदेश लगातार हो रही बारिश के चलते पर्वतीय जिलों में ग्रामीण सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ।हरिद्वार से नजीबाबाद हाइवे में कोटावाली नदी उफान पर है। सुबह 7 बजे से हाइवे के दोनों ओर भारी वाहन खड़े है। पुलिस प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगा भारी वाहनों की आवाजाही बन्द कर दी है। बस व छोटे वाहनों को नहर पटरी से निकाला जा रहा है। दरअसल हाइवे पर बना पुल विगत 2018 से भारी वाहनों के आवागमन को बन्द है। जिसके लिए सरकारं के कोटावाली नदी में काजवे का निर्माण किया था जो बरसात के दिनों में नदी के उफान पर आते ही बेरिकेड लगाकर बन्द कर दिया जाता है। पौड़ी जिले में बुधवार को बारिश के कारण 25 सड़के बंद रही। इनको खोलने के लिए लोनिवि ने 44 जेसीबी लगाई है। इसमें 8 विभागीय है और अन्य को हॉयर किया गया है। सड़कों को जल्द खोलने के लिए जेसीबी जगह-जगह रखी गई है। जबकि, टिहरी जिले में 12 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। एनएच 94 खाड़ी के पास सुबह साढ़े आठ बजे के निकट बंद हुआ था। जिसे पौने दस बजे करीब खोल दिया गया है। इसके अलावा एसएच 19 कुमाल्डा के पास और एसएच 15 (उत्तरकाशी-तिलवाड़ा-घनसाली) किमी 52 पर मलबा आने से बंद है। जिसे दोपहर तक खोलने की बात कही जा रही।

कुमाऊं में भी बरसात के बाद बढ़ीं दुश्वारियां: उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में भी बारिश के बाद दुश्वारियां बढ़ गई हैं। भारी बारिश के बाद जनजीवन ठप हो गया है। पिथौरागढ़-टनकपुर हाईवे समेत करीब 50 सड़कें बंद होने से जगह-जगह यात्री फंस गए हैं। जबकि, बागेश्वर जिले में 20 ग्रामीण सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं। पिथौरागढ़ में 17 बंद सड़कों ने सीमांत के लोगों की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं। काली और अन्य नदियां खतरे के निशान के पास पहुंच गईं है, जिसके बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।

मौसम विभाग ने बारिश का जारी किया येलो अलर्ट: मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले पांच दिन के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि बुधवार को नैनीताल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में भारी बारिश की आशंका है। उत्तरकाशी, देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में बुधवार को बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बारिश के दौरान संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन और बोल्डर गिरने का खतरा है।

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