इस तरह स्नान करके मिलता है धन, यश, काम, मोक्ष बन जाते सब बिगड़े काम…

ऐसे में आज हम आपको स्नान के प्रकार बताने जा रहे हैं जिन्हे आप सभी शायद ही जानते होंगे. आइए बताते हैं.

स्नान के सात प्रकार होते है-

1-मन्त्र स्नान- ‘आपो हिष्ठा’ इत्यादि मन्त्रों से मार्जन करना.

2-अग्नि स्नान- अग्नि की राख पूरे शरीर में लगाना जिसे भस्म स्नान कहते हैं.

3-भौम स्नान- पूरे शरीर में मिटटी लगाने को भौम स्नान कहा जाता है.

4- वायव्य स्नान- गाय के खुर की धूलि लगाने को वायव्य स्नान कहा जाता है.

क्यों श्रीराम ने जान से प्यारे लक्ष्मण को दिया था मृत्युदंड…

5- मानसिक स्नान- आत्म चिन्तन करना एंव निम्न मन्त्र

” ऊॅ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।

यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्रााभ्यन्तरः शुचि।।

अतिनीलघनश्यामं नलिनायतलोचनम्।

स्मरामि पुण्डरीकाक्षं तेन स्नातो भवाम्यहम्ं।।

को पढ़कर अपने शरीर पर जल छिड़कने को मानसिक स्नान कहा जाता है.

6- वरूण स्नान- जल में डुबकी लगाकर स्नान करने को वरूण स्नान कहा जाता है.

7-दिव्य स्नान- सूर्य की किरणों में वर्षा के जल से स्नान करना दिव्य स्नान कहा जाता है.

इन सभी स्नान को करने के बाद मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है. कहते हैं जो प्रतिदिन ऐसे स्नान करता है उसके जीवन में सब कुछ अच्छा होता है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com