अलग अंदाज में दिखे PM मोदी

70 साल का इंतजार खत्म, इजरायल में कुछ अलग अंदाज में दिखे PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिनों की इजरायल यात्रा पर पहुंचे. पीएम भारतीय समयानुसार मंगलवार शाम करीब साढ़े 6 बजे तेल-अवीव के बेन गुरियन एयरपोर्ट पहुंचे, जहां इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रोटोकॉल तोड़कर बड़ी गर्मजोशी से खुद एयरपोर्ट पर पीएम का स्वागत किया.इजरायल में कुछ अलग अंदाज में दिखे PM मोदी

पीएम ने पहुंचते ही इजरायल के पीएम को गले लगाया और फिर दोनों देशों का राष्ट्रगान हुआ.पीएम बेंजामिन ने हाथ जोड़कर हिंदी में कहा, ‘आपका स्वागत है मेरे दोस्त.’ यह पहली बार है कि कोई प्रधानमंत्री इजरायल के दौरे पर गया है, 1950 में भारत ने इजरायल को एक देश का दर्जा दिया था.अलग अंदाज में दिखे PM मोदी

वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल में हुए स्वागत पर कहा कि मेहमान नवाजी से उन्हें घर की याद आ गई. मोदी ने कहा कि भारत विश्व की तेजी से तरक्की करती अर्थव्यस्था है और हम नई तकनीक व शोध को बढ़ावा देने में लगे हैं.अलग अंदाज में दिखे PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है. भारत को यहूदी बेटे-बेटियों पर गर्व है. दोनों देशों के सामने एक जैसी चुनौती है और दोनों देशों का जोर आर्थिक विकास पर है.’

पीएम मोदी और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. पीएम नेतन्याहू ने मोदी के इजरायल दौरे के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वे योग के प्रति मोदी के उत्साह से काफी प्रेरित हुए और उम्मीद जताई कि भारत-इजरायल साथ मिलकर बेहतर भविष्य के लिए बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं.

होलोकास्ट के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने पीएम मोदी इजरायली प्रधानमंत्री के साथ याद वाशेम पहुंचे. यहां पीएम तीन हॉलों में पहुंचे, पहले हॉल ऑफ नेम्स गए, जहां 46 लाख होलोकास्ट पीड़ितों के नाम दर्ज हैं. इसके बाद हॉल ऑफ रिमेम्ब्रन्स और बच्चों के स्मारक पर पहुंचे, जहां होलोकास्ट पीड़ितों में शामिल 15 लाख यहूदी बच्चों को याद करते हुए उनका नाम बोला जाता है.

पीएम मोदी की इस ऐतिहासिक यात्रा पर पूरी दुनिया की नजरें हैं. यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला इजरायल दौरा है. मोदी के इस दौरे के दौरान इजरायल से 17 हजार करोड़ का रक्षा सौदा होने की संभावना जताई जा रही है.

भारतीय प्रधानमंत्री के दौरे पर इजरायल के स्थानीय लोग भी काफी उत्साहित और खुश हैं. एक नागरिक ने कहा कि भारत और इजरायल के बीच करीबी रिश्ता जरूरी है.

पीएम मोदी के दौरे पर इजरायल के 10 हेरोन टीपी ड्रोन को लेकर 400 मिलियन डॉलर की अहम डील होने वाली है. भारत अभी 70 से 100 अरब रुपये के करीब सैन्य उत्पाद इजरायल से आयात कर रहा है, जो अगले पांच साल में 150 अरब रुपये तक पहुंच सकता है.

पीएम के इस दौरे से इजरायल की कंपनियों के लिए भारत में निवेश के बेहतर मौके बनेंगे. सबसे बड़ी बात यह कि इजरायल मोदी के दौरे के आसरे विरोधियों को यह जताना चाहता है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश ना केवल उसका अच्छा दोस्त है, बल्कि उसके साथ उसके व्यापक कारोबारी रिश्ते भी हैं.

इजरायल भारत की दोस्ती का इस्तेमाल मिडल-ईस्ट के साथ एशिया के अन्य देशों के साथ डिप्लोमेसी में भी कर सकता है. इजरायल अपने अगल-बगल विरोधी देशों से घिरा हुआ है, और ईरान से लेकर अफगानिस्तान तक उसका विरोध करते रहे हैं, जबकि भारत के इन सभी देशों के साथ अच्छे संबंध हैं. आमतौर पर दुश्मन को दोस्त दुश्मन होता है लेकिन भारत के मामले में ऐसा नहीं है.

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नेतन्याहू ने पीएम मोदी से अपनी मुलाकात को भी याद किया. उन्होंने बताया कि तीन साल पहले संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी के साथ मुलाकात हुई थी. मुलाकात को याद करते हुए नेतन्याहू ने बताया कि किस तरह उन्होंने भारत तथा इजरायल के बीच बाकी बची दीवार को तोड़ने पर सहमति जताई और एक दूसरे का हाथ थामा.

नेतन्याहू ने कहा, “हम एक बार फिर पेरिस में मिले और तब से लेकर अब तक टेलीफोन पर हमारी कई बार बातचीत हुई. मुझे याद है मेरे मित्र, पहली मुलाकात के दौरान आपने क्या कहा था. आपने कहा था कि जहां तक भारत-इजरायल संबंधों की बात है, तो इसकी सीमा आसमान है. लेकिन वास्तव में मेरे मित्र सीमा आसमान नहीं है, क्योंकि आज की तारीख में हमारा अंतरिक्ष कार्यक्रम उससे भी ऊंचाई तक जाने के लिए काम कर रहा है.”

पीएम मोदी ने यहां इस्राइल के येद वाशेम होलोकॉस्ट स्मारक का दौरा किया और नरसंहार के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अपर्ति की. यह नरसंहार मानवीय इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है जिसमें नाजी जर्मनी द्वारा करीब 60 लाख यहूदियों को मार दिया गया था.

प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी इस्राइल के सबसे बड़े होलोकॉस्ट स्मारक पर गए. 1953 में यरूशलम के समीप माउंट आफ रिमेम्बरेंस में येद वाशेम को एक संगठन के तौर पर शुरू किया था जो भावी पीढ़ियों के लिए एक संदर्भ की तरह था जहां होलोकॉस्ट के पीड़ितों की स्मृतियों और यहूदी लोगों के इतिहास को सुरक्षित रखा गया है.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्वीट किया कि मैंने पीएम मोदी से इस स्मारक पर चलने का आग्रह किया, और उन्होंने मेरी बात मानते हुए एक दम हां की और हम वहां गए. इस दौरान पीएम मोदी को फूल भी भेंट किए गए, ये फूल पीएम मोदी के नाम पर कर दिए गए हैं.

यह स्मारक 4200 वर्गमीटर क्षेत्र में मुख्य रूप से भूमिगत है जहां मूल कलाकृतियों के जरिए पीड़ितों के अनुभवों, जीवित बचे लोगों की गवाही और निजी वस्तुओं को रखा गया है. नए येद वाशेम को 2005 में खोला गया था. इस संग्रहालय में आगे जाकर हॉल आफ नेम्स है जहां नरसंहार के 30 लाख पीड़ितों के नामों को पेश किया गया है।ये नाम उनके परिवारों और रिश्तेदारों ने सौंपे थे.

नरसंहार में एडोल्फ हिटलर के नाजी जर्मनी द्वारा करीब 60 लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था जिसमें करीब पंद्रह लाख बच्चे थे. हालांकि यहूदियों के खात्मे की शुरूआत 1933 में हो गयी थी लेकिन चार साल से अधिक समय के द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक साथ बड़े पैमाने पर यहूदियों को खत्म कर दिया गया. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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