आप खुद अपने वाहन का नंबर अपडेट कर ले सकेंगे ई-चालान, जानिए क्या होगी पूरी प्रक्रिया

परिवहन विभाग की वेबसाइट पर वाहन मालिक खुद अपना नंबर अपडेट करके ई- चालान की जानकारी ले सकेंगे। विभाग की ओर से वाहन-4 सॉफ्टवेयर विकल्प के तौर पर यह प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके माध्यम से वाहन संबंधित सभी जानकारी वाहन मालिक को मैसेज के माध्यम से मिल सकेंगी। इससे फर्जी नंबर प्लेट पर चलने वाली गाड़ियों पर भी रोक लगेगी।

संभागीय परिवहन विभाग की ओर से वाहन संबंधित अधिकांश कार्य ऑनलाइन कर दिए गए हैं। इसके जरिए विभाग की ओर से जनपद में चलने वाले वाहन के दस्तावेज और उनकी स्थिति की जानकारी विभाग को रहती है।

वाहन से संबंधित संदेश को विभाग में पंजीकृत मोबाइल नंबर पर मैसेज के माध्यम से वाहन चालक को भेजा जाता है। इसमें फिटनेस खत्म होने की जानकारी, डूप्लीकेट आरसी, वाहन के निस्तारण, चालान, प्रदूषण प्रमाण पत्र, एनओसी, पंजीकरण और अन्य कार्यों की तिथि के साथ मैसेज भेजा जाता है।

यातायता पुलिस और संभागीय परिवहन अधिकारियों द्वारा  वाहन पर हुए ई- चालान की सूचना भी मोबाइल पर दे दी जाती है, लेकिन अधिकांश लोगों के मोबाइल नंबर विभाग में अपडेट ही नहीं हैं। इस कारण उनको चालान और अन्य सेवाओं की जानकारी नहीं मिल पाती है। वहीं एक ओर यह भी देखा गया है कि कुछ वाहन मालिक का नंबर बदल गया है और उसकी सूचना उसके पहले नंबर भेजी जा रही है।

ऐसे में चालान होने पर वाहन मालिक को तीन से छह माह बाद घर के पते पर नोटिस होने पर जानकारी मिलती है। इसके बाद चालान भी कोर्ट में पहुंच जाता है, जिसको भुगतवाने में वाहन मालिक को विभागों के चक्कर काटने पड़ते हैं।

गाड़ी का नंबर बदलकर घूमते हैं चोर

वाहन चोर पकड़े जाने के डर से अपने वाहन का नंबर प्लेट बदल देते हैं। अन्य गाड़ियों के नंबर वाहन का संचालन करते हैं। गाड़ी पर कटने वाले चालान की सूचना वाहन मालिक को तीन से छह माह बाद मिलती है।

इसके बाद कार्रवाई के डर से वाहन मालिक को चालान भुगतना पड़ता है। अभी दस दिन पहले गाजियाबाद में गाड़ी खड़े होने और चालान दिल्ली में कटने का मामला सामने आया था। इसमें आरोपी चालक नंबर प्लेट बदलकर गाड़ी चला रहा था। इसकी जानकारी वाहन मालिक को उसके रिश्तेदार के पते (जो आरटीओ में पंजीकृत था) पर नोटिस मिलने पर मिली। 

ऐसे करें नंबर अपडेट

इंटरनेट पर पहले परिवहन सेवा वेबसाइट पर लॉग इन करना है। इसके बाद वाहन संबंधित ऑनलाइन सेवाओं के लिए चयन करें। इसमें सिक्किम व दिल्ली के प्रदेशों के  लिए अलग और अन्य प्रदेशों के लिए अलग विकल्प है। अपने प्रदेश का चयन करने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर पर अपने वाहन का नंबर लिखें।

इससे वाहन मालिक के लिए विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं के विकल्प आ जाएंगे। इसमें मोबाइल नंबर अपडेट के विकल्प का चयन करें। इसके बाद मोबाइल नंबर, वाहन इंजन नंबर और चेसिस नंबर लिखने के बाद विकल्प खुल जाएगा। इसके बाद मोबाइल पर ओटीपी आएगा। ओटीपी को उसमें लिखें। इसके बाद नंबर अपडेट हो जाएगा। 

विश्वजीत सिंह, एआरटीओ प्रशासन ने बताया कि विभाग की वेबसाइट पर वाहन मालिक अपन नंबर आसानी से अपडेट करा सकते हैं। इससे वाहन संबंधित सभी कार्यों की सूचना उसको मिल सकेगी। इससे वाहन चोरी और फर्जी वाड़े पर रोक लगेगी।

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