आतंकवाद ग्रस्त बांदीपोरा जिले में भाजपा की पकड़ मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई थी शहीद वसीम बारी ने

आतंकी हमले में मारे गए भाजपा नेता वसीम बारी में देशभक्ति का अलग ही जज्बा था। वह कश्मीर में तिरंगे को ऊंचा लहराता देखना चाहते थे। इसी के चलते उन्होंने अपने घर की छत पर भी तिरंगा लहरा रखा है। वह कई बार तिरंगा लेकर अकेले ही निकल पड़ते थे। राष्ट्रवादी गतिविधियों में भी बढ़चढ़ कर भाग लेते थे।

आतंकवाद ग्रस्त बांदीपोरा जिले में भाजपा की पकड़ मजबूत बनाने में भी अहम भूमिका निभाई। इसी के चलते वह आतंकियों की आंखों में चुभ रहे थे। दुर्भाग्य यह है कि जब आतंकी हमला हुआ, उस वक्त एक भी सुरक्षाकर्मी उनके साथ नहीं था।

वसीम बारी ने कश्मीर में खास तौर पर बांदीपोरा में भाजपा के साथ युवाओं को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। वह सबसे सक्रिय युवा नेता थे। उनके बारे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना का भी कहना है कि वसीम बारी भाजपा के शेर थे और काफी वतनपरस्त थे। उन्होंने कहा कि वसीम, उमर सुल्तान और शेख बशीर जांबाज हिंदुस्तानी थे जिन्होंने कश्मीर में तिरंगे को बुलंद रखा। उनकी और उनके परिवार की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।

बता दें कि आतंकी तंजीमों के शीर्ष कमांडरों के सफाए और लगातार ध्वस्त हो रहे नेटवर्क से बौखलाए आतंकी नेताओं की हत्याओं करने पर आमादा हो गए हैं। कश्मीर घाटी में आतंकवाद के शुरुआती दिनों से लेकर हाल के वर्षों तक ज्यादातर सियासी हत्याएं चुनावी वर्ष में हुई हैं लेकिन आतंकी वारदातों का ऐसा सिलसिला अब बिना चुनाव के भी तेज हो गया है।

एक महीने में चार हत्याएं हो चुकी हैं। भाजपा के बांदीपोरा जिलाध्यक्ष और उनके दो परिजनों की हत्या से एक माह पूर्व आठ जून को अनंतनाग में कांग्रेस नेता और सरपंच अजय पंडिता की हत्या कर दी गई थी। घाटी में जम्हूरियत की मजबूती में जुटे नेताओं, कार्यकर्ताओं से लेकर पंचायती नुमाइंदों पर पहले भी आतंकी हमले होते रहे हैं। 2011 से अब तक 19 पंचायती नुमाइंदों की हत्या की जा चुकी है।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com