आज है अजा एकादशी, यहाँ पढ़िए कथा

साल 2020 में भाद्रपद महीने की अजा/जया एकादशी आने वाली है. जी दरअसल इस बार यह एकादशी शनिवार, यानी 15 अगस्त 2020 को मनाई जाने वाली है. ऐसे में अगर शास्त्रों को माना जाए तो शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत का काफी महत्‍व बताया गया है. जी दरअसल भाद्रपद महीने में आने वाली अजा या जया एकादशी का व्रत रखने से भगवान श्रीहरि विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस व्रत की पौराणिक कथा.

अजा/जया एकादशी की पौराणिक कथा – जब कुंतीपुत्र युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवान! भाद्रपद कृष्ण एकादशी का क्या नाम है? व्रत करने की विधि तथा इसका माहात्म्य कृपा करके कहिए. मधुसूदन कहने लगे कि इस एकादशी का नाम अजा है. यह सब प्रकार के समस्त पापों का नाश करने वाली है. इस एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु जी की पूजा का विधान होता है. जो मनुष्य इस दिन भगवान ऋषिकेश की पूजा करता है उसको वैकुंठ की प्राप्ति अवश्य होती है. अब आप इसकी कथा सुनिए. इस एकादशी की कथा के अनुसार प्राचीनकाल में हरिशचंद्र नामक एक चक्रवर्ती राजा राज्य करता था.

उसने किसी कर्म के वशीभूत होकर अपना सारा राज्य व धन त्याग दिया, साथ ही अपनी स्त्री, पुत्र तथा स्वयं को बेच दिया. वह राजा चांडाल का दास बनकर सत्य को धारण करता हुआ मृतकों का वस्त्र ग्रहण करता रहा. मगर किसी प्रकार से सत्य से विचलित नहीं हुआ. कई बार राजा चिंता के समुद्र में डूबकर अपने मन में विचार करने लगता कि मैं कहां जाऊं, क्या करूं, जिससे मेरा उद्धार हो. इस प्रकार राजा को कई वर्ष बीत गए. एक दिन राजा इसी चिंता में बैठा हुआ था कि गौतम ऋषि आ गए. राजा ने उन्हें देखकर प्रणाम किया और अपनी सारी दु:खभरी कहानी कह सुनाई. यह बात सुनकर गौतम ऋषि कहने लगे कि राजन तुम्हारे भाग्य से आज से सात दिन बाद भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अजा नाम की एकादशी आएगी, तुम विधिपूर्वक उसका व्रत करो.

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