आज निर्भया जहां भी होगी, उसकी आत्मा को शांति मिलेगी: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल

निर्भया को आज सात साल तीन महीने और तीन दिन बाद इंसाफ मिल गया. चारों दोषियों अक्षय कुमार, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश कुमार को तिहाड़ जेल में आज सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया. चारों दोषियों को फांसी दिए जाने का जश्न पूरा देश मना रहा है.

तिहाड़ जेल के बाहर सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए और भारत माता की जय की नारेबाजी की. ट्विटर पर #NirbhayaJustice ट्रेंड कर रहा है और लोग अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं. बलिया में निर्भया के गांव में भी लोगों की नजर दोषियों की फांसी पर थी और गुनहगारों को फांसी पर लटकाए जाने के बाद गांव के लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर और रंग लगाकर जश्न मनाया.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फैसला लेने में 7 साल का वक्त लग गया. आज, हमें एक प्रतिज्ञा लेनी है कि इस तरह की घटना फिर से न हो. हमने देखा कि दोषियों ने हाल में किस तरह से कानून को मैनुपलेट करने की कोशिश की. हमारे सिस्टम में बहुत सारी खामियां हैं, हमें सिस्टम में सुधार करने की आवश्यकता है.

राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि आज एक उदाहरण सेट किया गया है, लेकिन यह पहले ही हो जाना चाहिए था. अब लोग यह जान गए हैं कि उन्हें सजा जरुर मिलेगी, आप तारीख बढ़ा सकते हैं लेकिन आपको सजा मिलेगी.

इस मामले पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह जीत पूरे देश की जीत है और लंबे इंतजार के बाद निर्भया और उसके पूरे परिवार को इंसाफ मिला है. आज निर्भया जहां भी होगी, उसकी आत्मा को शांति मिलेगी. स्वाति ने कहा कि 7 साल के लंबे इंतजार के बाद आज न्याय की जीत हुई. निर्भया की मां ने न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खाई. सारा देश सड़कों पर उतरा, अनशन किया, लाठी खाई.

स्वाति मालीवाल का कहना था कि देश में फास्ट ट्रैक कोर्ट तो बन गए हैं, लेकिन इस तरह के मामलों का निपटारा 6 महीने में होना चाहिए ताकि अपराधी इस तरह के अपराध करने से पहले सौ बार सोचें. लंबे वक्त तक चलने वाले इस तरह के मामलों में अपराधियों को बढ़ावा मिलता है ऐसे में सरकार को फ़ास्ट ट्रक कोर्ट 6 महीने में इस तरह के मामलों को निपटाना के लिए पहल करनी चाहिए.

दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के बाद निर्भया मामले के जांच अधिकारी अनिल शर्मा ने से खास बातचीत में कहा कि किस तरह से यह केस सीसीटीवी की बदौलत खुला था और उसके बाद एक-एक करके सारे आरोपी पकड़े गए थे. उनका यह भी कहना था कि इस कृत्य में मोर और लेस सभी लोग बराबर के दोषी थे.

उन्होंने संतोष जाहिर किया कि आखिरकार न्याय की जीत हुई और निर्भया के मां-बाप को इंसाफ मिला. साथ में उन्होंने यह भी माना कि इस मामले में जो जुवेनाइल पकड़ा गया था उसका भी कोई कम रोल नहीं था, लेकिन कानून का उसको फायदा मिला. अनिल शर्मा ने इस मामले में अपने सीनियर अधिकारियों की भी तारीफ की.

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