अयोध्या रामलीला : अंगद बने अभिनेता सांसद मनोज तिवारी ने संवादों के जरिये लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया

सरयू तट स्थित लक्ष्मण किला के प्रांगण में चल रही फिल्मी कलाकारों की नौ दिवसीय रामलीला में लक्ष्मण शक्ति लीला ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इसके अतिरिक्त अंगद रावण संवाद ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने का काम किया। अंगद बने फिल्मी कलाकार मनोज तिवारी ने संवादों के जरिये लोगों का आकर्षण चुराया।

रामलीला के क्रम में हनुमान लंका से माता सीता का पता लगाकर लौटते हैं तो राम दल में खुशी छा जाती है। राम हनुमान से कहते हैं कि हनुमत मैं आज से आपका ऋणी हो गया हूं। दूसरे दृश्य में वानर सेना समुद्र किनारे डेरा डालती है।

अगला दृश्य लंका की राज्यसभा का होता है। रावण के दूत उसे बताते हैं कि राम की सेना समुद्र के पार पहुंच गई है। इसी बीच विभीषण का प्रवेश होता है। विभीषण रावण से कहते हैं जड़ से ही राग मिटा दो, अर्पण कर उनको सीता को… जिस पर रावण क्रोधित हो जाता है और विभीषण को राज्य से बाहर निकाल देता है। अगले दृश्य में विभीषण रामा दल में पहुंचते हैं और भगवान राम की शरण लेते हैं।

उन्हें राम लंकेश की उपाधि देते हैं और उनका तिलक करते हैं। इसके बाद भगवान राम समुद्र से रास्ता मांग रहे होते हैं। 3 दिन बीत जाने के बाद भी समुद्र रास्ता नहीं देता। विनय न मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीत, बोले राम सकोप तब भय बिन होए न प्रीत.. राम गुस्से में खड़े हो जाते हैं और धनुष का संधान करते हैं। तभी समुद्र प्रकट हो जाते हैं और समुद्र पर बांध बनाने का तरीका भगवान श्रीराम को बताते हैं।

इसके बाद नल, नील वानर सेना के साथ समुद्र पर पुल बांधते है। पुल बनने के बाद राम की सेना लंका में प्रवेश करती है। राम युद्ध से पहले अंगद को दूत बनाकर रावण के दरबार में भेजते हैं। जहां रावण और अंगद का करीब 20 मिनट तक संवाद होता है। इस संवाद ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अगले दृश्य में अंगद वापस आते हैं और राम से कहते हैं कि प्रभु रावण अभिमानी है। युद्ध करने के लिए तत्पर है।

युद्ध के लिए सेना तैयार होती है रणभेरी बजती है और सेना युद्ध के लिए प्रस्थान करती है। मेघनाथ और लक्ष्मण के बीच घमासान युद्ध शुरू हो जाता है। लक्ष्मण मेघनाथ के सारे अस्त्रों को विफल कर देते हैं। मेघनाथ शक्ति बाण छोड़ता है जिससे लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। रामादल में हाहाकार मच जाता है। राम भी शोक में डूब जाते हैं। इसके बाद विभीषण के कहने पर हनुमान सुषेण वैद्य को लाते हैं। वैद्य संजीवनी बूटी लाने को कहते हैं ।

भोजपुरी अभिनेता व सांसद मनोज तिवारी ने अंगद की भूमिका में अपने संवाद व अभिनय से आकर्षण चुराया। उनका मजबूत संवाद प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा। वे रावण से कहते हैं ..हे महाराज राजाधिराज मैं दूत राम रघुवर का हूं, युवराज देश किष्किंधा का, सुत बाली राज वानर का हूं ..तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। रावण के दरबार में पांव जमाने के दृश्य में भी मनोज तिवारी ने दर्शकों को खूब प्रभावित किया।

वे कहते हैं, अच्छा परीक्षा लेता हूं देखो किस में कितना बल है…मेरा पांव चलायमान कर कोई असुर कुमार गया तो रामचंद्र फिर जाएंगे… मैं सीता जी को हार गया…। मंचन से पूर्व मनोज तिवारी ने कहा कि राम लीला के मंचन ने भगवान श्री राम की मर्यादा और माता सीता के त्याग को जन जन तक पहुंचाने का काम किया है । उन्होंने योगी सरकार को साधुवाद देते हुए कहा कि अयोध्या में भव्य रामलीला का आयोजन कर योगी सरकार ने बहुत ही सराहनीय काम किया है।

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