अभी अभी: हुआ बड़ा खुलासा यूपी चुनाव में इस्तेमाल हुई नकली उंगलिया, मचा हडकंप

अभी अभी: हुआ बड़ा खुलासा यूपी चुनाव में इस्तेमाल हुई नकली उंगलिया, मचा हडकंप

इन दिनों सोशल मीडिया पर नकली उंगलियों की एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है, इस तस्वीर के आधार पर कहा जा रहा है कि चुनावों में नकली उंगलियों के जरिए फर्जी मतदान करवाया जा रहा है।अभी अभी: हुआ बड़ा खुलासा यूपी चुनाव में इस्तेमाल हुई नकली उंगलिया, मचा हडकंप

कई टीवी चैनलों पर इन नकली उंगलियों के चुनावी इस्तेमाल के दावे पर उंगली उठाई जा रही है और इन्हें वायरल झूठ बताया जा रहा है।
लेकिन एक प्रमुख चैनल ने इन नकली उंगलियों के सौदागरों को ढूंढ निकाला है, जो उत्तर प्रदेश के चुनावों में इन नकली उंगलियों के असली सप्लायर हैं। चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में साबित हो गया कि वोटिंग में नकली उंगली का इस्तेमाल वायरल झूठ नहीं बल्कि सर्टिफाइड सच है।
दरअसल वोटिंग के दौरान उंगलियों पर लगाया गया निशान लोकतंत्र में जनता की ताकत का प्रतीक है। वोटर्स की उंगलियों पर स्याही का ये निशान एक से ज्यादा बार वोटिंग को रोकता है। लेकिन अब लोकतंत्र को ठेंगा दिखाने वालों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है और वो तोड़ है ये नकली उंगलियां।
खुफिया कैमरों में रिकॉर्ड हुए नकली उंगलियों के सप्लायर्स ने फर्जी मतदान के लिए सियासी पार्टियों द्वारा नकली उंगलियों की डिमांड का दावा किया है। अंडरकवर इंवेस्टिगेशन टीम ने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान ऐसी ही एक नकली उंगली खरीदी है।
शंभू कुमार यादव, जो नई दिल्ली में बॉर्न लाइफ कंपनी के कंसल्टेंट हैं। आर्टिफिशियल यानी कृत्रिम मानव अंगों के बिजनेस में इनकी कंपनी का बड़ा नाम है।

क्या अखिलेश सीएम बन कर लखनऊ मेट्रो की सवारी कर पाएंगे?

रिपोर्टर: अच्छा कौन-सी वाली पार्टी ने सबसे ज्यादा खरीदा ये तो पता होगा? 
शंभू कुमार यादव: …ने खरीदा है सबसे ज्यादा सीधी सी बात बताऊं तो आपसे झूठ क्या बोलूंगा, ये भी …. को ही जाएगा।
रिपोर्टर: अच्छा.
शंभू कुमार यादव: ठीक है, ये भी आपको पहले ही बता रहा हूं, ये भी …. को जाएगा.
(यहां जिस चीज की खरीद की बात हो रही है वो चीज कुछ और नहीं बल्कि सिलिकॉन से बनीं नकली उंगलियां हैं और इन नकली उंगलियों के सबसे बड़े खरीददार का नाम शंभू यादव ले रहा है। वो उत्तर प्रदेश की बड़ी राजनीतिक पार्टी है)
शंभू कुमार यादव: कोस्ट जो होगा लगभग अगर 3 हजार का पीस का ऑर्डर करते हैं तो लगभग 2800 रुपए से लेकर 36 सौ के बीच में आएगा। 
रिपोर्टर: एक का?
शंभू कुमार यादव: एक का, अगर ये 10 हजार quantity अगर product production करेंगे हो जाएगा।
रिपोर्टर: चलो भाई वो दिखा दो क्या नाम है भाई एक बार।
शंभू कुमार यादव: 1800 रुपए का? 
रिपोर्टर: 1800 रुपए। 
शंभू कुमार यादव: एक लाख अगर quantity ऑर्डर कर देते हैं इसका तो 1100 रुपये का।
शंभू कुमार यादव: सच्ची बात ये है अभी भी 500 फिंगर का लखनऊ से आया था। 
रिपोर्टर: वो तो मैं माना।
(शंभू यादव ने डील पक्की होती देख आश्वासन दिया कि ऐसी नकलियां उंगली बनाकर देंगे कि चुनाव अधिकारी को शक होने की गुंजाइश तक नहीं होगी)
शंभू कुमार यादव: ये तो ठीक रहेगा या नहीं रहेगा। 
रिपोर्टर: बिलकुल ठीक रहेगा।
रिपोर्टर: 26 तक तो मिल जाएगा ना 26 तक मान ले? 
शंभू कुमार यादव: मिल जाएगा
रिपोर्टर: 26 तो 27 को इलेक्शन हैं ना। 
रिपोर्टर: इलेक्शन हैं।
शंभू कुमार यादव: ठीक है कितनी quantity चाहिए?
(अबतक शंभू यादव को यकीन आ चुका था कि हम वाकई नकली उंगलियों की डील में इंटरेस्टिड हैं। लिहाजा उसने हमें ना सिर्फ नकली उंगली का डेमो दिखाया, बल्कि ये भी बताया कि इससे फर्जी वोटिंग कैसे की जा सकती है।)
रिपोर्टर: निकालिएगा इसको। 
शंभू कुमार यादव: इतना जल्दी नहीं निकलेगा ऐसे। 
रिपोर्टर: हां, तो बस तो सही है फिर और क्या चाहिए। 
शंभू कुमार यादव: इतना जल्दी नहीं निकलेगा और even ये जो आप ये लगा रहे हैं ना। 
शंभू कुमार यादव: इसकी जरूरत नहीं है एक अंगूठी आती हैं जैसे कान में ऐसे चिपकाने वाला होता हैं ना कुंडा ऐसे अंगूठी आती इसको दबा दीजिए।
रिपोर्टर: उंगली में तो बिल्कुल पहचान नहीं आएगी ना? 
शंभू कुमार यादव: नहीं आएगी।
रिपोर्टर: ओपेन करने में डालने में कोई दिक्कत तो नहीं? 
शंभू कुमार यादव: नहीं आएगी।
रिपोर्टर: फर्जी वोट में उसको। 
शंभू कुमार यादव: आपको तो दिखा तो दिया।
(डील जब फाइनल स्टेज पर पहुंची तो शंभू यादव ने मतदान में इन नकली उंगलियों के अनैतिक इस्तेमाल का एक और खुलासा कर दिया)
शंभू कुमार यादव: आपको कितना चाहिए ये पहले बताइए।
रिपोर्टर: हजार।
रिपोर्टर: आप बताओ जितना दे सकते हो.
रिपोर्टर: मैक्सिमम 500 पहले, पिछली पार्टी ने कितना किया ऑर्डर? 
शंभू कुमार यादव: पिछली पार्टी ने किया है 300 का? 
रिपोर्टर: 300…पॉलिटिकल पार्टी ने?
शंभू यादव ने दावा किया कि कई राजनीतिक पार्टियां चुनावी सीजन में नकली उंगलियां खरीदती हैं। शंभू यादव ने खुफिया कैमरे पर उन राजनीतिक दलों के नाम भी बताए जिन्होंने उसकी कंपनी से थोक में नकली उंगलियां खरीदीं। अगर शंभू यादव के दावों पर यकीन करें तो फर्जी मतदान में नकली उंगलियों का योगदान कोई कोरी कल्पना नहीं है, बल्कि 100 फीसदी खरा सच है।
इस बड़े खुलासे में फर्जी मतदान के लिए नकली उंगलियों के इस्तेमाल का काला सच सामने आ चुका है और ये साबित हो चुका है कि नकली उंगली से वोटिंग कल्पना नहीं, बल्कि हकीकत है। वोटिंग में नकली उंगली के जरिए एक इंसान से कई कई बार वोटिंग करवाने का ये फर्जीवाड़ा किस तरह अंजाम दिया जा रहा है। इसकी गहराई से छानबीन करने के दौरान अंडरकवर रिपोटर्स की टीम नकली उंगलियों की सप्लाई करने वाली दिल्ली की एक और कंपनी के दो अधिकारियों से मिली, जिन्होंने मतदान में राजनीतिक फायदे के लिए नकली उंगलियों के इस्तेमाल को बेपर्दा कर दिया।
फर्जी मतदान में नकली उंगलियों के इस्तेमाल के सच की पड़ताल के दौरान मुलाकात नकली उंगलियों के एक और सप्लायर से हुई।
अजेंद्र कुमार नई दिल्ली के लाजपतनगर में Ideal Artificial Limb Solution नाम की कंपनी में सीनियर कंसल्टेंट हैं। यूपी चुनाव की वजह से इनकी कंपनी में नकली उंगलियों के ऑर्डर की भारी डिमांड है। अजेंद्र कुमार से जब उंगलियों की डिमांड की तो उसने सुरक्षा एजेंसियों से बचने के नुस्खे भी बताए और नकली उंगलियों को इंपोर्ट करने की सलाह दी।
अजेन्द्र कुमार: इंपोर्ट कराना बेहतर है। इसका फायदा ये रहेगा। कल को कोई दिक्कत हो गई ना।
रिपोर्टर: अच्छा कोई और तरीका हो सकता है। दो- चार लोगों को दिखा दे। होस्पिटल दिखा दें। क्या तरीका हो सकता है। 
अजेन्द्र कुमार: एक तरीका ये है कि जो हमारी पार्टी है उससे डायरेक्ट आपको इंपोर्ट करा दूंगा।
रिपोर्टर: कहां से। 
अजेन्द्र कुमार: वो मैं अपने आप करा दूंगा आप चिंता मत करें। इंपोर्ट एक्सपोर्ट लाइसेंस है।
रिपोर्टर: नहीं मेरे पास नहीं है।
रिपोर्टर: आप किसी होस्पिटल से करा दीजिए।
अजेन्द्र कुमार: यहां नहीं करवाएंगे, ये तो सब अपने ही होस्पिटल है। आपको यूपी में करवा देंगे और यूपी में दिक्कत भी नहीं है। दिल्ली में ज्यादा दिक्कत है दिल्ली में कस्टम ज्यादा सतर्क है। दिल्ली में कोई भी चीज मंगवाना खतरा है।
रिपोर्टर: अच्छा।
अजेन्द्र कुमार: पैसा 100 पर्सेंट होगा सर कैश में।
अजेन्द्र कुमार: अच्छा और दूसरा आपको पता देना पड़ेगा। किसी होस्पिटल का दे दीजिए। होस्पीटल का बेस्ट है।
अब इस बात में कोई शक नहीं रह गया था कि नकली उंगलियों गलत हाथों में पहुंचकर सिस्टम को ठेंगा दिखा रही हैं, ये नए तरह का अपराध है जिससे निपटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए नया चैलेंज है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com